Actu burnt copies of 3 agricultural laws and 4 labor-code laws at Buddhapark
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एक्टू ने बुद्धपार्क में 3 कृषि कानूनों और 4 लेबर-कोड कानूनों की प्रतियां जलाईं

हल्द्वानी, 13 जनवरी (हि.स.)। आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (एक्टू) द्वारा बुद्धपार्क हल्द्वानी में 3 कृषि कानूनों और 4 लेबर-कोड कानूनों की प्रतियां जलाई गईं। इस अवसर पर एक्टू के प्रदेश महामंत्री के.के. बोरा ने कहा कि भारतीय मजदूर वर्ग किसानों के निरंतर बढ़ते संघर्ष को और मजबूती देने का आह्वान करता है। किसानों का दृढ़ व अनथक संघर्ष निरंतर बढ़ रहा है, फैल रहा है और शक्तिशाली हो रहा है। आंदोलन के हालिया नारे- ‘‘बिल वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं’’ और ‘‘या जीतेंगें, या मरेंगे’ किसानों के निरंतर बढ़ते संकल्प और दृढ़ता का मूर्त रूप हैं। सुप्रीम कोर्ट के कल के फैसले मैं छुपी सरकार की मंशा को किसान संगठनों ने समझते हुए संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया है, एक्टू किसान संगठनों के फैसले के साथ है। उन्होंने कहा कि, यह किसानों का ऐतिहासिक संघर्ष है और साथ ही एक ऐतिहासिक मौका है, जब भारतीय मजदूर वर्ग को किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस युद्ध में कूद जाना होगा। एक्टू किसानों और आम अवाम के संघर्षों को मजबूती प्रदान करने के लिये 26 जनवरी तक के लिये घोषित किसान आंदोलन के कार्यक्रमों का मजबूती से समर्थन करता है। डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि मोदी शासन के तहत मजबूत होते काॅरपोरेट शिकंजे का प्रतिरोध करने, उसे खत्म करने के लिये यह किसानों के साथ दृढ़ता से खड़ा होने का समय है। मजदूरों और किसानों के एकताबद्ध संघर्ष के बलबूते मोदी सरकार के नेतृत्व में कॉर्पोरेट, कंपनी राज को शिकस्त देने के लिये संघर्ष को तेज किया जाना जरूरी है। 13 जनवरी (उत्तर भारत में लोहरी) दक्षिण में ‘‘भोगी’’ उत्सव कहलाता है जिस दिन यहां हर वो चीज जो पुरानी और सड़ चुकी है को जला दिया जाता है। एक्टू द्वारा 13 जनवरी को पूरे देश में 3 कृषि कानूनों और 4 लेबर-कोड कानूनों की प्रतियां जलाने और विभिन्न रूपों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/अनुपम गुप्ता-hindusthansamachar.in

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