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गणतंत्र परेड में पुरस्कृत‘ केदारखण्ड’ झांकी म्यूजियम में रखी गई

देहरादून, 19 फरवरी (हि. स.)। देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड पर तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत उत्तराखण्ड की केदारखंड झांकी गढ़ी कैंट स्थित संस्कृति विभाग के म्यूजियम में संरक्षित कर रखी गई है। अब यह झांकी आम लोगों को हमेशा देखने को मिलेगी। राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड समारोह में सूचना विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “केदारखण्ड” की झांकी को प्रदर्शित किया गया था। राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड के अनेक बार प्रतिभाग किया। पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड की झांकी को पुरस्कुत किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसे राज्य के लिए गौरव की बात बताते हुए झांकी को संस्कृति विभाग के म्यूजियम में संरक्षित किए जाने के निर्देश दिए थे। सचिव पर्यटन, संस्कृति व सूचना दिलीप जावलकर ने गढ़ी कैंट में बन रहे संस्कृति विभाग के म्यूजियम/ आडिटाॅरियम का निरीक्षण कर झांकी को रखे जाने के लिए स्थान निर्धारित किया। उन्होंने अधिकारियों को झांकी के उचित रखरखाव के निर्देश दिए। झांकी के अग्रभाग में उत्तराखण्ड का राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘ दर्शाया गया है जो कि उत्तराखण्ड के वनाच्छादित हिम शिखरों में 3600 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ दिखाया गया है जो केदारखण्ड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। झांकी के मध्य भाग में भगवान शिव के वाहन नंदी को दर्शाया गया है तथा साथ में केदारनाथ धाम में यात्रियों को यात्रा करते हुए तथा श्रद्वालु को भक्ति में लीन दर्शाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक बाबा केदार का भव्य मंदिर दर्शाया गया है जिसका जीर्णोद्धार आदिगुरु शंकराचार्य ने कराया था तथा मंदिर परिसर में श्रद्वालुओं को दर्शाया गया है। साथ ही मंदिर को ठीक पीछे विशालकाय दिव्य शिला को दर्शाया गया है। दिल्ली से झांकी को एक स्पेशल ट्रॉला में तीन दिन में देहरादून लाया गया। गढ़ी कैंट, देहरादून में संस्कृति विभाग का म्यूजियम/ ऑडिटोरियम निर्माणाधीन है। इसके बनने के बाद यह झांकी आम लोगों के देखने के लिए उपलब्ध होगी। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/मुकुंद

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