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देश के 100 स्नातकोत्तर छात्रों ने एरीज से जाने खगोल विज्ञान के विविध रहस्य

नैनीताल, 24 मई (हि.स.)। मुख्यालय स्थित एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान द्वारा गत 17 मई से 24 मई के बीच स्नातकोत्तर छात्रों के लिए खगोल विज्ञान में एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम-‘एरीज ट्रेनिंग स्कूल इन ऑब्जर्वेशनल एस्ट्रोनॉमी-एटीएसओए-2021’ आयोजित किया गया। ‘भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में पूरे देश के 25 से अधिक विश्वविद्यालयों के लगभग 100 छात्रों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया और खगोल विज्ञान के विविध आयामों व रहस्यों से परिचित हुए। इस कार्यक्रम के दौरान एरीज के वैज्ञानिकों ने छात्रों को दूरबीनों, तारों की रचना एवं विकास, सौर मंडल से बाहर के ग्रहों, सौर भौतिकी, मंदाकिनी एवं परामंदाकिनी यानी अपनी आकाशगंगा एवं आकाशगंगा से बाहरी ब्रह्मांड, खगोल विज्ञान, एरीज की प्रेक्षण सुविधाओं, दुनिया की सबसे बड़ी प्रस्तावित 30 मीटर टेलीस्कोप परियोजना और आदित्य एल-1 अंतरिक्ष मिशन जैसे विभिन्न विषयों से परिचित कराया। साथ ही फोटोमेट्री, स्पेक्ट्रोस्कोपी, पोलारिमेट्री और मशीन लर्निंग जैसी विभिन्न खगोलीय डेटा प्रोसेसिंग तकनीकों पर आधारित व्यावहारिक और प्रदर्शन सत्र भी आयोजित हुए। बताया गया कि ब्रह्मांड की वर्तमान समझ न केवल प्रेक्षण सुविधाओं के निरंतर होते विकास पर निर्भर है, बल्कि इन सुविधाओं से उत्पन्न डेटा का विश्लेषण करने वाले लोगों की संख्या पर भी है। तकनीकी विका स के कारण विद्युत चुम्बकीय तरंगों के विभिन्न पट्टों में पूरे विश्व और अंतरिक्ष में कई खगोलीय वेधशालाएं कार्यरत हैं और कई आगामी हैं। ये वेधशालाएं बड़ी मात्रा में डेटा उत्पन्न करेंगी, जिसके विश्लेषण के लिए और खगोलीय पिंडों की समझ बेहतर करने के लिए शोधकर्ताओं की बड़ी संख्या की आवश्यकता होगी। प्रतिवर्ष प्रशिक्षण स्कूलों का संचालन करने के पीछे एरीज का उद्देश्य युवा छात्रों को खगोलीय डेटा-विश्लेषण में विशेषज्ञता-कुशलता प्रदान करना और हमारे देश में एक प्रतिभावान पीढ़ी विकसित करना है। एटीएसओए-2021 इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी

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