हाईब्रिड धान ने बिगाड़ी किसानों की हालत
हाईब्रिड धान ने बिगाड़ी किसानों की हालत

हाईब्रिड धान ने बिगाड़ी किसानों की हालत

मीरजापुर, 20 दिसम्बर (हि.स.)। जिले के मड़िहान तहसील अंतर्गत राजगढ़ ब्लाक के सरकारी धान खरीद केंद्रों में हाइब्रिड की तौल न होने से किसान मजबूरी में औने-पौने दाम पर धान बेच रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा हाईब्रिड धान की खरीद नही की जा रही है। जिससे लाचार किसानों को हाईब्रिड धान व्यापारियों को हजार से ग्यारह सौ रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बेचना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के अधिकांश गांवों में पानी की कमी से किसान हाईब्रिड धान की खेती करते हैं। अधिक उपज प्राप्त करने के लिए प्रति वर्ष किसान अच्छी जुताई के साथ ही मंहगा हाइब्रिड बीज व रसायनिक खाद प्रयोग करते हैं। हजारों रुपये प्रति बीघा खर्च करने के बाद उपज का सही मूल्य न मिलने से किसान अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। सरकारी क्रय केंद्रों में दावा तो किया जा रहा है कि किसानों को वापस नहीं किया जा रहा है। जबकि हकीकत में सभी क्रय केंद्रों में सिर्फ मंसूरी धान की खरीद हो रही है। राजगढ़ विकास खंड के केशव प्रसाद सिंह, रामखेलावन सिंह, बलराम सिंह व हरिश्चंद्र सिंह आदि किसानों का कहना है कि क्षेत्र में संचालित क्रय केंद्रों में अभी तक हाइब्रिड धान नहीं तौला जा रहा है। अधिकांश किसानों ने औने-पौने दाम पर हाइब्रिड धान की बिक्री कर डाली। किसानों ने बताया कि प्रति बीघा जुताई, बीज, रोपाई, खाद, निराई-गुड़ाई, सिंचाई तथा कटाई आदि का खर्च मिलाकर दस से बारह हजार रुपये लागत आती है। वहीं लगभग दस से बारह कुंतल से अधिक पैदावार नहीं हो रही है। ऐसे में एक बीघा धान आढ़ती के हाथों बिक्री करने में मुश्किल से एक हजार रुपये ही बचते हैं। इस सम्बंध में नदिहार स्थित धान क्रय केंद्र प्रभारी वीरेंद्र वीर यादव ने बताया कि केवल 30 प्रतिशत ही हाइब्रिड धान की खरीद की जा रही है। हाईब्रिड धान में मानक के अनुरूप चावल नहीं पड़ रहा है, जिससे मिलर क्रय केंद्रों पर क्रय किये गए हाइब्रिड धान का उठान नहीं कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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