हर घर पर ध्वजारोहण की तैयारी, खड्डा विधायक की अगुवाई में हो रहा प्रयास
हर घर पर ध्वजारोहण की तैयारी, खड्डा विधायक की अगुवाई में हो रहा प्रयास

हर घर पर ध्वजारोहण की तैयारी, खड्डा विधायक की अगुवाई में हो रहा प्रयास

कुशीनगर, 09 अगस्त (हि.स.)। जब देश के कोने-कोने में 74वें स्वतंत्रता दिवस को सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों पर ध्वजारोहण कर देशवासी खुशियां मना रहे होंगे, तब कुशीनगर के खड्डा विधानसभा क्षेत्र के हर परिवार का बच्चा-बच्चा भी ऐसा कर रहा होगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खड्डा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी की अगुवाई में पिछले पांच वर्षों पूर्व 51 स्थानों पर शुरू हुआ ध्वजारोहण अब घर-घर पर फहराने की तैयारी है। पिछले वर्ष तक ध्वजारोहण में शामिल और प्रशिक्षित 1001 कार्यकर्ताओं ने अब ग्रामीणों को प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2015 में जब जटाशंकर त्रिपाठी खड्डा विधायक नहीं थे, तब उन्होंने अपनी संस्था मानव सेवा, संस्थान सेवा की ओर से यह आयोजन शुरू किया था। वर्ष 2016 जनवरी को ही यह संख्या 101 हुई और वर्ष 2020 जनवरी तक यह आंकड़ा 1001 पहुंच गई। खड्डा के लोगों ने पहली बार यह देखा कि सरकारी संस्थानों, बैंक, स्कूल, कालेज, पंचायत भवन आदि से हटकर आम लोग भी इस तरह से ध्वजारोहण कर सकते हैं। अब प्रशिक्षण ले चुके इन्हीं 1001 लोगों ने ग्रामीणों को प्रशिक्षण देेने की कमान थामी है। कोरोना काल के लिए भी बना उपयोगी विधायक का यह छोटा प्रयास अब बहुत उपयोगी हो चुका है। कोरोना काल में जब लोगों को अपने घर से बाहर नहीं निकलना है, तब यह अनूठा प्रयास काफी उत्साहजनक है। राष्ट्रधर्म से जुड़े इस आयोजन में सबके शामिल होने की राह आसान होने लगी है। 15 अगस्त को घर बैठे ही सभी लोग अपने देश की आजादी की खुशियों में शामिल हो सकेंगे। पहली बार से फूस की झोपड़ियों पर फहरा था राष्ट्रध्वज वर्ष 2015 में जब जटाशंकर त्रिपाठी विधायक नहीं थे, तब उन्होंने मानव सेवा संस्थान सेवा के बैनर तले इस आयोजन की शुरुआत की थी। इस वर्ष केवल 51 स्थानों पर ही ध्वजारोहण हुआ था। इतना ही नहीं, इसी दौरान पहली बार फूस की बनी झोपड़ियों पर भी ध्वजारोहण हुआ था। तब लोगों ने अपनी खुशियों का इजहार करते हुए कहा था कि ऐसा लग रहा है, मानो हम भी किसी प्राचीर से ही देश की स्वतंत्रता का जश्न मना रहे हैं। विधायक जटाशंकर त्रिपाठी का कहना है कि मेरे मन मे यह विचार वर्ष 2014 में आया। वर्ष 2015 में 15 अगस्त को पहली बार 51 स्थानों पर आयोजन हुआ। 20 जनवरी 2020 तक यह 1001 स्थानों तक पहुंच गया था। इसी दौरान आजादी के जश्न को घर-घर पहुंचाने का खाका तैयार होने लगा था। अब इसे परवान चढ़ाने को प्रयास शुरू है। कोरोना काल में मिले दिशा-निर्देशों के आलोक में 1001 प्रशिक्षक लोगों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद/दीपक-hindusthansamachar.in

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