सृजन और संहार अपनाकर ही महिला शक्ति स्वरूपा बनती है  : डॉ. इंदु
सृजन और संहार अपनाकर ही महिला शक्ति स्वरूपा बनती है : डॉ. इंदु

सृजन और संहार अपनाकर ही महिला शक्ति स्वरूपा बनती है : डॉ. इंदु

गोंडा, 22 अक्टूबर (हि.स.) सृजन और संहार अपनाकर ही महिला शक्ति स्वरूपा बनती है। नारी प्रेम और त्याग की मूर्ति होने के साथ-साथ ही दुष्टों का संहार करके धरा को सुख और शान्ति से अभिसिंचित भी करती है। उक्त बातें लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में विशप क्रिश्चियन गर्ल्स कॉलेज बैंगलोर की एसोसिएट प्रोफेसर एवं साहित्यकार डॉ. इंदु झुनझुनवाला ने कही। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वंदना सारस्वत ने मिशन शक्ति को योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए बालिकाओं को आत्म सुरक्षा एवं आत्मनिर्भरता के लिए उत्प्रेरित किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिशन शक्ति के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। वहीं जान्हवी मिश्रा ने आदिशक्ति मां दुर्गा की स्तुति करके सभी का मन मोहा। कात्यायनी मिश्रा ने देश की सुरक्षा के लिए खड़ी है बेटियां विषय पर ओजस्वी कविता प्रस्तुत की। मोनिका वर्मा ने फूल की मुस्कान है बेटियां कविता गाकर बेटी को सम्मान देने की बात कही। हिन्दुस्थान समाचार/महेन्द्र/दीपक-hindusthansamachar.in

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