सुहाग की सलामती के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा निर्जला करवाचौथ व्रत
सुहाग की सलामती के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा निर्जला करवाचौथ व्रत

सुहाग की सलामती के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा निर्जला करवाचौथ व्रत

-पूरे दिन दुल्हन की तरह सजी सुनती रही करवा कथा, सोशल मीडिया पर दिखाया उत्साह वाराणसी, 04 नवम्बर (हि.स.)। बाबा विश्वनाथ की नगरी में बुधवार को सुहाग की सलामती (दीर्घ जीवन) के लिए निर्जला व्रत रख सुहागिन महिलाएं उत्साह से करवाचौथ पर्व मना रही हैं। संकल्प लेकर महिलाओं ने स्नान के बाद भोर में ही सरगी निगल कर अखंड सुहाग की कामना कर निर्जला व्रत रखा। पूरे दिन दुल्हन की तरह श्रृंगार करके महिलाएं शाम को चंद्रोदय का इंतजार करती रही। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी सजी धजी महिलाएं अपना और ग्रुप का पोस्ट डाल कर उत्साह जताती रही। कहीं-कहीं महिलाएं खासकर कालोनियों में अपराह्न बाद विधि विधान से मां गौरी पार्वती, भगवान शंकर, गणेश व कार्तिकेय को पुष्प, अक्षत,फल, दीप आदि अर्पित करके करवा चौथ कथा भी सुनती रही। पर्व को लेकर नव विवाहित महिलाएं पर्व को लेकर उत्साहित रही। शुभ संयोग में शाम को व्रती महिलाएं चन्द्रदेव को अध्र्य देकर पति को चलनी से देखने के बाद व्रत का पारण करेंगी। मान्यता है कि महाभारत काल में भीषण युद्ध में सफलता के लिए दिव्य अस्त्र-शस्त्र इकट्ठा करने अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर गये। काफी समय तक जब अर्जुन नहीं लौटे तो द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण को याद किया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने करवाचौथ का व्रत रखा था। व्रत के बाद अर्जुन सकुशल तपस्या करके लौट आये। व्रत से माना जाता है कि दांपत्य जीवन में वियोग का कष्ट नहीं भोगना पड़ता। पति की उम्र लंबी होती है। इसलिए सुहागन महिलाएं श्रद्धा और विश्वास के साथ यह व्रत रखती हैं। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश-hindusthansamachar.in

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