सुबह-ए-बनारस के वास्तु संकल्प का राज्यमंत्री नीलकंठ ने किया शिवार्पण
सुबह-ए-बनारस के वास्तु संकल्प का राज्यमंत्री नीलकंठ ने किया शिवार्पण

सुबह-ए-बनारस के वास्तु संकल्प का राज्यमंत्री नीलकंठ ने किया शिवार्पण

-नए अस्सीघाट की दीवारों पर भित्ति चित्र के जरिये काशी के इतिहास को उकेरा वाराणसी, 27 सितम्बर (हि.स.)। प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी ने रविवार को नए अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस के वास्तु संकल्प का "शिवार्पण" किया। राज्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि सुबह-ए-बनारस का यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुष्ठान काशी की गरिमा, संस्कृति और अध्यात्म से विश्व को परिचित करा रहा है। वर्तमान वैश्विक संकट से विश्व को मुक्ति प्राप्त हो यह हमारा संकल्प है। संस्था के परिसर में दीवालों पर ऋषि-महात्मा, काशी की संस्कृति और आध्यात्म की अलौकिक छवि उकेरी गयी है। राज्यमंत्री ने बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा वित्त पोषित सौंदर्यीकरण का लोकार्पण कर आयोजकों के प्रयास को भी सराहा। कार्यक्रम में नगर आयुक्त गौरांग राठी व उप महाप्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा प्रतीक अग्निहोत्री ने राज्यमंत्री को सम्मानित भी किया। सुबह-ए-बनारस के संस्थापक, सचिव डॉ. रत्नेश वर्मा ने बताया कि 'शिवार्पण' काशी के इतिहास में एक अलौकिक घटना है। संपूर्ण वास्तु परिकल्पना की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट किया कि प्रवेश द्वार पुरुषार्थ का प्रतीक है, वहीं सात सीढ़ियां सप्तपदी और अन्य चार सीढ़ियां जो प्रांगण का प्रवेश है। आश्रम व्यवस्था का रूप संकल्पित है। दीवारों पर जो भित्ति चित्र हैं, वह काशी के इतिहास का झरोखा है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय-hindusthansamachar.in

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