साठ साल से पूर्व मौत पर ग्रेच्यूटी के भुगतान पर रोक नहीं, बीएसए को निर्णय लेने का निर्देश
साठ साल से पूर्व मौत पर ग्रेच्यूटी के भुगतान पर रोक नहीं, बीएसए को निर्णय लेने का निर्देश

साठ साल से पूर्व मौत पर ग्रेच्यूटी के भुगतान पर रोक नहीं, बीएसए को निर्णय लेने का निर्देश

प्रयागराज, 10 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापक की पेंशन, ग्रेच्यूटी आदि भुगतान के सम्बंध में 16 सितम्बर 2009 को जारी शासनादेश साठ साल की आयु से पहले मृत्यु की दशा में ग्रेच्यूटी भुगतान पर रोक नहीं लगाता। वरन् इसके क्लाज 5 में साफ लिखा है कि 60 साल या मृत्यु की दशा में ग्रेच्यूटी भुगतान किया जायेगा। कोर्ट ने 60 साल का विकल्प न देने के आधार पर विधवा याची को ग्रेच्यूटी का भुगतान करने से इंकार करने के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कन्नौज के 3 मार्च 20 के आदेश को रद्द कर दिया है और उषारानी केस के फैसले के तहत नये सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इस केस में कोर्ट ने भुगतान मे देरी के लिए 8 फीसदी ब्याज देने का भी आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी त्रिपाठी ने प्रेम कुमारी की याचिका की स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता के के केशरवानी ने बहस की। मालूम हो कि याची के पति सुरवेन्द्र सिंह ग्राम्य शिक्षा निकेतन जूनियर हाई स्कूल जफराबाद उन्नाव में 95 से सहायक अध्यापक थे। 10 फरवरी 19 को उनकी सेवा काल में मौत हो गयी। पेंशन आदि का भुगतान किया गया किन्तु ग्रेच्यूटी रोक दी गयी। कहा गया कि उन्होंने 60 साल में सेवानिवृत्त लेने का विकल्प नहीं भरा था। कोर्ट ने इस मामले को तय करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद याची की अर्जी निरस्त कर दी गयी थी। जिसे चुनौती दी गयी थी। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/राजेश-hindusthansamachar.in

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