सनातन धर्म को बचाए रखना अमूल्य धरोहर : भवानीनंदन यति
सनातन धर्म को बचाए रखना अमूल्य धरोहर : भवानीनंदन यति

सनातन धर्म को बचाए रखना अमूल्य धरोहर : भवानीनंदन यति

गाजीपुर, 24 अक्टूबर (हि.स.)। गाजीपुर जनपद स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ में नौ दिन से चल रहे शारदीय नवरात्र के समापन पर शनिवार को सिद्धपीठ मे 151 कुवांरी कन्याओं का पूजन कर उन्हें अंगवस्त्रम देकर उनका पूजन किया गया। सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंत श्री भवानीनंदन यति ने अपने ब्रह्मलीन गुरु को दीप प्रज्वलित कर पूजन के उपरांत कहा कि सनातन धर्म को बचाए रखना ही अमूल्य आराधना है, जो हमारी मूल थाती है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति का हृदय से समर्थन करना गुरुजनों के सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। जो नारी शक्ति ही मानव को अदृश्य शक्ति प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि जिस परिवार में नारी की पूजा होती है वही परिवार शिखर पर प्राप्त करता है। देवियां ही साक्षात दुर्गा शक्ति के रूप होती हैं। देवी सरस्वती लक्ष्मी महाकाली का रूप होती हैं। इन्हें संजोए रखने से परिवार में सुख समृद्धि का बोध मिलता है, जिससे सद्बुद्धि लक्ष्मी तथा शक्ति कालिका मिलती है। ज्ञान धन शक्ति की प्राप्ति होती है। बताया कि नारियों का सम्मान करने वाला ही सनातन धर्म का अनुयाई माना जाता है। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कानपुर के श्रीराम सिंह ने बताया कि सनातन धर्म का पालन हमें अवश्य करना चाहिए। जिससे परिवार देशकाल सभी का सम्मान करना ही हमारी हिंदू संस्कृति रही है। मर्यादा भगवान राम भी सनातन धर्म का पालन करते हुए पिता की आज्ञा से बन को जाकर दुष्टों का संहार करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम कहलाए। कार्यक्रम में ग्वालियर से पधारी साध्वी निष्ठा जी, वैदिक विद्वान पंथ्री जी, विधायक वीरेन्द्र यादव, जिला पंचायत सदस्य रमेश यादव, रेखा, माधुरी सिंह, सहित काफी संख्या में लोग रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीराम/उपेन्द्र-hindusthansamachar.in

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