संतान की लंबी आयु के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी व्रत, किया विधिवत पूजन
संतान की लंबी आयु के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी व्रत, किया विधिवत पूजन

संतान की लंबी आयु के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी व्रत, किया विधिवत पूजन

जौनपुर, 09 अगस्त (हि.स.)। भाद्रपद की कृष्ण पक्ष षष्टी को मनाया जाने वाला हलछट-ललही छठ का पर्व रविवार को जिले भर में श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस धार्मिक पर्व पर क्षेत्र की महिलाओं ने निर्जल व्रत कर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम की विधि विधान से पूजा अर्चना की। हरछट पर्व पर क्षेत्र सिंगरामऊ स्थित श्री झलियवहा नाथ मंदिर पर महिलाओं ने माथा टेक विधि विधान से पूजा-अर्चना की और संतान की लंबी आयु की कामना की। महिलाओं ने भजन-कीर्तन भी किया। महिलाओं ने पसाई के चावल बनाकर अपने व्रत को पूरा किया। इस व्रत में महिलाओं ने हल से उगाए जाने वाले अनाज को खाया। पूजन सामग्री के रूप में महिलाओं ने कांस के फूल, महुआ की पत्तियों सहित सात प्रकार के अनाज जौ, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, महुआ , चना सहित आदि को पलाश के पत्तों के दोने में रखकर भोग लगाया। महिलाओं ने अपने घरों में जमीन पर छोटा तालाब भी बनाया। इसमें कुश महुआ की एक शाखा को हलछठ के प्रतीक के रूप में लगाकर सुबह उसका पूजन किया।इसी प्रकार मछलीशहर में परिवार की समृद्धि और पुत्र के सुखमय जीवन के लिए महिलाओं ने रविवार को हलषष्ठी का व्रत रखकर पूजन किया। मिट्टी की देउर पर कुश गाड़कर उस पर तिन्नी का चावल तथा भैस के दूध दही और महुआ का भोग छठ माता को लगाया गया। समूह में एकत्रित महिलाओं ने छठ माता से सम्बंधित कहानियों को सुनाते हुए पूजन किया तथा परिवार की समृद्धि और बढ़ोत्तरी की कामना पूर्ति हेतु प्रार्थना की। मान्यता है कि इस व्रत में भूमि में उगने वाले किसी भी पदार्थ का उपयोग पूजन या पारण में नहीं किया जाता हैं। वहीं दूसरी तरफ नगर रूहट्टा मोहल्ले में भी ललही छठ माता का पर्व महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने अपने छत पर ही छठ माता का अरघा बनाकर विधि विधान से पूजा अर्चना किया और अपने पुत्रों और पतियों की दीर्घायु के लिए कामना की। इस दिन व्रती महिलाएं खेतों में भी नहीं जाती हैं। हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/दीपक-hindusthansamachar.in

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