श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 9 दिसम्बर को सौपी जायेगी चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत की शिला
श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 9 दिसम्बर को सौपी जायेगी चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत की शिला

श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 9 दिसम्बर को सौपी जायेगी चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत की शिला

-जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे राममंदिर की नींव में लगेगी कामदगिरि की शिला -चित्रकूट से 8 दिसम्बर को शिला लेकर रवाना होगे संत चित्रकूट,06 दिसम्बर (हि.स.)। भगवान श्रीराम की तपोभूमि होने की वजह से धर्म नगरी चित्रकूट की महिमा समूचे विश्व में विख्यात है। श्रीकामदगिरि पीठ विश्व की प्राचीनतम पीठ है। इसकी महिमा सतयुग से गाई जाती रही है। श्रीकामदगिरि पर्वत को भगवान श्रीराम का स्वरूप मानते हुए प्रतिदिन देश भर से हजारों श्रद्धालु आकर इनकी पूजा-आराधना एवं परिक्रमा करते हैं। जन्मभूमि अयोध्या में बनने जा रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की नींव में श्रीकामदगिरि पर्वत की शिला और रज 9 दिसम्बर को श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौपा जायेगा। रविवार को श्रीकामदगिरि पीठम के संत मदन गोपाल दास जी महराज ने बताया कि भगवान श्रीराम हम सबकी एकता, अखंडता और समृद्धि के प्रतीक पुरूष हैं। श्रीरामजी की आराधना का मतलब रामराज्य की परिकल्पना को साकार करना है। सर्वोच्च न्यालय द्वारा श्रीराम लला के मंदिर को बनाए जाने के लिए जैसे ही मार्ग प्रशस्त किया वैसे ही अवध के साथ तपोभूमि चित्रकूट में भी हर्ष का वातावरण छा गया। पूरे देश से मिट्टी व जल को श्रीराम लला के मंदिर निर्माण में प्रयुक्त करने के लिए ले जाया गया। जिस पर्वत पर श्रीराम व मां जानकी ने साढे ग्यारह वर्ष बिताए उनका कण-कण पवित्र है। इसलिए ‘कामदगिरि भे गिरि राम प्रसादा‘ को चरितार्थ कर श्रीकामदगिरि पीठम ने बीती 5 अगस्त को ऐतिहासिक मांगलिक व आध्यात्मिक दिवस मनाया। इस दिन चित्रकूट पीठ में श्रीकामदगिरि की शिलाओं का पूजन किया गया। अब इन शिलाओं की अवध में स्थापना के लिए संयोग बन रहा है। बताया कि 8 दिसंबर को सुबह दस बजे कामदगिरि शिला यात्रा का प्रारंभ श्रीकामदगिरि प्रमुख द्वार से किया जाएगा। ये शिलाएं 9 दिसंबर को अयोध्या में श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपक रायजी को सौंपी जाएंगी। महाराज श्री ने बताया कि कामदगिरि शिला यात्रा के लिए 8 दिसंबर को सुबह 8 बजे से श्रीकामदगिरि प्रमुख द्वार में सभी का एकत्रीकरण होना है। इसके बाद सुबह 10 बजे प्रस्थान होगा। यात्रा 12 बजे बांदा व 2 बजकर 30 मिनट पर फतेहपुर पहुंचेगी। शिलायात्रा रायबरेली जिले के लालगंज, हरचंदपुर, बछरावां, मोहनलाल गंज होते हुए शाम छह बजे लखनऊ व रात्रि 8 बजकर 30 मिनट अयोध्या पहुंचेगी। शिलाओं का पुष्पार्चन भक्तिभाव से करने हेतु प्रत्येक व्यक्ति सादर आमंत्रित है।उन्होने चित्रकूट वासियों से इस यात्रा के साक्षी व सहभागी बनने के साथ-साथ मानस मन मंदिर को उन्नत बनाने का संकल्प लेने का आहवान किया है। हिन्दुस्थान समाचार /रतन/मोहित-hindusthansamachar.in

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