शोध में 'लोकल फॉर वोकल' को बढ़ावा देगा बलिया का जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय
शोध में 'लोकल फॉर वोकल' को बढ़ावा देगा बलिया का जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय

शोध में 'लोकल फॉर वोकल' को बढ़ावा देगा बलिया का जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय

बलिया, 15 अक्टूबर (हि. स.)। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय शोध में 'लोकल फार वोकल' को बढ़ावा देगा। विवि की कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने इसके लिए देश-विदेश में बड़ा नाम बन चुकी जिले से जुड़ी हस्तियों को भी जोड़ने की पहल की है। विवि की कुलपति ने कहा कि शोध की गुणवत्ता को हर कीमत पर कायम रखा जाएगा। कोशिश है कि शोध ऐसे विषयों पर हों, जिनका हमारे जीवन में उपयोग हो। 'बलिया की विभूतियां' मंच का गठन इसीलिए किया गया है। इससे जिले की जड़ों से जुड़े दुनिया में नाम कमा रहे लोगों को को जोड़ा जा रहा है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव, कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही एम्स दिल्ली की टीम के मुख्य अनुसंधानकर्ता डा. संजय राय आदि का नाम अहम है। इस फोरम का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इससे जुड़ी विभूतियों का हमें काफी सहयोग मिल रहा है। इनमें से कई हमें शोध में सहयोग करने के लिए सहर्ष तैयार हैं। हमारा प्रयास होगा कि इनकी विशेषज्ञता का लाभ हमारे शोधकर्ताओं को मिले। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के सहयोग से हम कौशल विकास पर काम कर रहे हैं। यहां मशरूम, सोलर लैम्प, टिकुली आधारित उद्योगों के प्रशिक्षण की योजना भी कौशल विकास केंद्र के माध्यम से चलाई जा रही है। महिलाओं का सामाजिक आर्थिक विकास व उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में भी हम कार्य कर रहे हैं। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास सीमित संसाधन अवश्य हैं, किन्तु हमारे उत्साह में कोई कमी नहीं है। हम विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और इसके सुखद परिणाम में भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर और सबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक एवं स्नात्तकोत्तर प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। हमारा प्रयास है। 30 अक्टूबर तक प्रवेश पूरा करके एक नवम्बर से कक्षाओं का संचालन आरम्भ कर दिया जाए। सभी विद्यार्थियों की हूं मां : कुलपति कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने कहा कि हम विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यहां एमकाम, एमए हिन्दी, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान आदि परंपरागत पाठ्यक्रमों के अलावा एमएसडब्ल्यू और पीजीडीसीए जैसे नए पाठ्यक्रमों भी प्रवेश कार्य चल रहा है, जो 30 अक्टूबर तक चलेगा। कुलपति ने कहा कि लड़कियों के सुरक्षित आवागमन के लिए बस की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी की मैं माँ हूँ और विद्यार्थियों का ध्यान रखना मेरी जिम्मेदारी। मुझे खुशी होगी, यदि विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से जुड़ेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/उपेन्द्र-hindusthansamachar.in

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