शारदीय नवरात्र : देवी मंदिरों में भक्तों ने शीश झुका मांगा आशीर्वाद
शारदीय नवरात्र : देवी मंदिरों में भक्तों ने शीश झुका मांगा आशीर्वाद

शारदीय नवरात्र : देवी मंदिरों में भक्तों ने शीश झुका मांगा आशीर्वाद

कानपुर, 24 अक्टूबर (हि. स.)। नवरात्र के अष्टमी व नवमी तिथि पर देवी मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। भक्तों ने शहर के विभिन्न देवी स्थलों में पहुंचकर शीश झुका रहे हैं और अपने बच्चों के कर्ण छेदन की परम्परा का निर्वहन कर रहे हैं। भक्तों में माता के नवरात्र की धूम है। माता के चरणों में सांग चढ़ाकर मन्नत मांगने वालों में इस बार माता की सांग न चढ़ाने पर भक्तों के चेहरे मायूस रहे। शनिवार को बिरहाना रोड स्थित मां तपेश्वरी मंदिर में नवरात्र में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया व नारियल की भेंट भी माता को चढ़ाई। वैसे कानपुर शहर में देवी स्थलों का बड़ा ही महत्व है। जहां माता तपेश्वरी, माता बारादेवी व जंगली देवी को सिद्ध पीठ के रूप में जाना जाता है। लोगों का कहना है कि इन देवी स्थलों में मां के चरणों में शीश झुकाना व सांग चढ़ाने का एक अलग महत्व माना गया है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते अनलॉक 5 में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। लेकिन कोविड 19 विभाग के द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन करते हुए। भीड़ को एक जगह इक्क्ठा न होने पाए, इसलिए सामूहिक कार्यक्रम पर रोक लगाई गयी है। जिसके कारण भक्तों में मायूसी भी देखने को मिल रही है। शहर के प्रमुख मंदिरों में मां तपेश्वरी, बारादेवी में ज्यादातर भक्त सांग लगाकर दर्शन करने पहुंचते हैं और वहीं मां के आगे आशीर्वाद लेते हुए सांग की भेंट चढ़ाते हैं। लेकिन इस बार मंदिरों में लगने वाले मेला की वजह से रौनक भी कम दिखी है। तपेश्वरी माता के दरबार के सेवक नरेश पुजारी ने बताया कि हर वर्ष माता के नवरात्र में जिस तरह से मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा करता था। मंदिर प्रांगण में भक्तों की भीड़ को संभालना मुश्किल हो जाता था। इस बार शारदीय नवरात्र के सातवें दिन भी ज्यादा संख्या में भक्त दर्शन के लिए मंदिर नहीं आ रहे है। भक्तों में सांग न लगने से मायूसी भी देखने को मिली है। क्योंकि कोरोना काल में सामूहिक कार्यक्रम पर तो रोक लग गयी है। लेकिन सिर्फ धार्मिक स्थलों को ही खोला गया है। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु/राजेश-hindusthansamachar.in

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