शक्ति से ही शांति का मार्ग प्रशस्त : किन्नर महामंडलेश्वर
शक्ति से ही शांति का मार्ग प्रशस्त : किन्नर महामंडलेश्वर

शक्ति से ही शांति का मार्ग प्रशस्त : किन्नर महामंडलेश्वर

प्रयागराज, 26 अक्टूबर (हि.स.)। सनातन धर्म में शक्ति पूजा का विशेष महत्व है और नवरात्र में देवी के शक्ति रूप की विशेष पूजा की जाती है। यह रूप हमें निर्भयता प्रदान करता है और तिमिर से लड़ने की सामर्थ्य देता है। शक्ति से ही शांति का मार्ग प्रशस्त होता है और शक्ति के भय के पीछे प्रीति का बीज छुपा होता है। उक्त विचार किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंदगिरी उर्फ टीना मां ने कटघर स्थित समया माई मंदिर में विशेष आरती के दौरान भक्तों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता वास करते हैं। नवरात्र में भी हम मातृशक्ति को सम्मान देने के लिए प्रेरित करते हैं। यह सम्मान कुछ दिनों का उत्सव मात्र नहीं अपितु यह हमारे मानस पटल पर अंकित एक संस्कार है। उन्होंने आगे कहा कि धर्म भी हमें शक्तिपुंज बनने की प्रेरणा देता है, इसलिए शक्ति पूजा का विशेष महत्व है। पार्षद पवन श्रीवास्तव ने कहा कि नारी समर्थ सबला है उसे असहाय और अबला समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। वह प्रत्येक परिस्थिति में संघर्ष करना जानती है। उन्होंने कहा कि निर्बल और बलहीन होना पाप है। इस पाप का प्रायश्चित स्वयं को बलवान बनाकर किया जा सकता है। उन्होंने नवरात्रि पूजा को शक्तिशाली समाज के निर्माण का उपयुक्त समय बताया। इस अवसर पर योगी सत्यम महाराज, पूर्व पार्षद नीरज गुप्ता, पार्षद रुचि गुप्ता, विहिप नेता विनोद सोनकर, विनीत केसरवानी, अंकित सोनकर, राजू माली, निखिल केसरवानी, विष्णु पंडित, विशाल अग्रहरी सहित अन्य भक्त गण उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित-hindusthansamachar.in

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