वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक जीवन के बीच संतुलन के पर्याय थे डा. कलाम
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक जीवन के बीच संतुलन के पर्याय थे डा. कलाम

वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक जीवन के बीच संतुलन के पर्याय थे डा. कलाम

- मिसाइल मैन की पुण्यतिथि पर अभाविप व कांग्रेसियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की झांसी, 27 जुलाई(हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यालय पर पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर कार्यकर्ताओं के मध्य डा. कलाम के सपनों का भारत विषय पर वैचारिक चर्चा की गई। वही शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत के पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न से सम्मानित डा. कलाम की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व झांसी के विभाग संगठन मंत्री अजय यादव ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर उनके कार्यकाल ने एक आदर्श व्यवस्था स्थापित की है। राष्ट्रपति जीवन के उपरांत भी उन्होंने अपना पूरा जीवन छात्रों और युवाओं को शिक्षा देने में बिताया। आधुनिक युग में उनका जीवन सदैव वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक जीवन के बीच संतुलन के पर्याय के रूप में जाना जाएगा। जिला संयोजक मनेन्द्र गौर ने कहा कि युवा साथी डा. कलाम द्वारा लिखित उनकी पुस्तकों से अपने जीवन के मार्ग के लक्ष्य तय कर सकते हैं। छात्र नेता अमृत राज वर्मा ने कहा कि डा. कलाम के लिए संपूर्ण देश ही उनका परिवार था। इस दौरान आशुतोष मिश्रा, प्रांत सोशल मीडिया प्रमुख अजय शंकर तिवारी, सह मंत्री विकास नायक, समरेन्द्र प्रताप, जयवर्धन मिश्रा, हर्षदीप अरोरा आदि मौजूद रहे। वही, शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि डा. कलाम ने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। शहर अध्यक्ष अरविन्द वशिष्ठ ने कहा कि मिसाइल मैन के नाम से लोकप्रिय डा अब्दुल कलाम जनता के प्रिय राष्ट्राध्यक्ष थे। हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित-hindusthansamachar.in

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