विवादों के घेरे में पीसीएस 2018 भर्ती प्रक्रिया, प्रधानाचार्य की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत
विवादों के घेरे में पीसीएस 2018 भर्ती प्रक्रिया, प्रधानाचार्य की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत

विवादों के घेरे में पीसीएस 2018 भर्ती प्रक्रिया, प्रधानाचार्य की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत

फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर हुआ चयन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जांच के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र मीरजापुर, 27 सितम्बर (हि.स.)। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि पीसीएस 2018 भर्ती प्रक्रिया में विवाद खड़ा हो गया है। पीसीएस 2018 के 988 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें प्रधानाचार्य के 83 पद थे। प्रधानाचार्य पद के अभ्यर्थियों को 27 जून तक संयुक्त निदेशक शिक्षा की ओर से प्रतिहस्ताक्षरित तीन वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य था। इसी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर चयन प्रस्तावित था। उन्होंने कहा कि संज्ञान में आ रहा है कि चयन सूची में ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हो गया है, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित नहीं है। बहुत ऐसे अभ्यर्थी जो प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापक हैं, हाईस्कूल स्तर पर जिनकी नियुक्ति को तीन वर्ष भी नहीं हुए हैं, अथवा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में अध्यापन को औपचारिक रूप से नामांकित हैं और अन्यत्र रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें भी डिग्री कॉलेज स्तर पर निर्गत अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर चयनित कर लिया गया है। जबकि चयन के लिए संयुक्त निदेशक शिक्षा द्वारा अनुभव प्रमाण पत्रों पर प्रतिहस्ताक्षर होना आवश्यक है। कई अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिकायत भी किया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने इस प्रकरण से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर चयनित उम्मीदवारों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच की मांग किया है। कहा कि सभी चयनित उम्मीदवारों के अनुभव प्रमाण पत्रों की गहन जांच किया जाए एवं सही अनुभव प्रमाण पत्र, जिन पर संयुक्त शिक्षा निदेशक के प्रतिहस्ताक्षर हो, उन्हीं अभ्यर्थियों के चयन पर विचार किया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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