विधि विधान पूर्वक करें धनतेरस पर पूजा, बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा
विधि विधान पूर्वक करें धनतेरस पर पूजा, बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

विधि विधान पूर्वक करें धनतेरस पर पूजा, बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

कासगंज, 09 नवम्बर (हि.स.)। हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार माने जाने वाला दिवाली इस साल 14 नवंबर को मनाया जाएगा। साथ ही उससे एक दिन पहले 13 नवंबर को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाएगा, जो कि हर किसी के लिए सुख समृद्धि देने वाला होता है। इस दिन मां लक्ष्मी का धरती पर वास होने के कारण लोग कुबेर के साथ उनकी भी पूजा करते है। धनतेरस की शाम को परिवार की मंगल कामना के लिए यम के नाम का दीपक जलाया जाता है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के दौरान कई सावधानियां बरतनी चाहिए। जिसके बारे में शायद आप भी नहीं जानते होंगे। तो आइए जानते हैं इस दिन हमें किन किन नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे माँ लक्ष्मी हमसे ना रूठें। दिवाली के आने से पहले हर घर में सफाई की जाती है, लेकिन धनतेरस के दिन भी घर पर कूड़ा-कबाड़ नहीं होना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी तुंरत रूष्ठ हो जाती और आपके घर में हमेशा धन की कमी बनी रहेगी। इसलिए धनतेरस के दिन घर में बेकार पड़े सामान को तुरंत फेंक दें। इसके बाद ही धनतेरस की पूजा करें। शूकर क्षेत्र सोरों के निवासी युवा ज्योतिषी पंडित गौरव दीक्षित का कहना है कि यह भी जान लें कि आपके घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने गदंगी बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। हमेशा मुख्य द्वार को नए अवसरों से जोड़कर देखा जाता है। माना यह भी जाता है कि मुख्य द्वार के जरिए घर में लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए ये स्थान हमेशा साफ-सुथरा ही रहना चाहिए। अगर आप धनतेरस पर सिर्फ कुबेर की पूजा ही करने वाले हैं तो ये गलती बिलकुल ना करें। कुबेर के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की भी उपासना जरूर करें वरना पूरे साल बीमार रहेंगे। .... ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन शीशे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। धनतेरस के दिन सोने-चांदी की कोई चीज या नए बर्तन खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्यादातर लोगों को यही पता होता है कि धनतेरस के दिन सिर्फ नयी वस्तुओं की खरीदारी ही की जाती है। जबकि इस दिन खरीदारी के अलावा दीपक भी जलाए जाते हैं। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर दीपक जरूर जलाएं इससे परिवार की लौ हमेशा बनी रहती है। धनतेरस के दिन दोपहर व शाम के समय सोना नहीं चाहिए, ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है। वैसे अगर आप चाहें तो दोपहर में थोड़ा सा आराम कर सकते हैं। इस दिन संभव हो सके तो रात्रि जागरण करें।.... धनतेरस के दिन लड़ाई-झगड़े से दूर रहें और घर की स्त्रियों का सम्मान करें। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं। धनतेरस के दिन ना तो उधार लें और ना ही किसी को उधार दें। इस दिन अपने घर से लक्ष्मी का प्रवाह बाहर ना होने दें। हां, अगर आपको कोई रुपया-पैसा दे तो ये आपके लिए लाभदायक रहेगा। धनतेरस के दिन लोहे का कोई भी सामान न खरीदें। इस दिन लोहा खरीदना शुभ नहीं माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता आती है। इस दिन नकली या खंडित मूर्तियों की पूजा ना करें। सोने, चांदी या मिट्टी की बनी हुई मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा ही करें। स्वास्तिक और ऊं जैसे प्रतीकों को कुमकुम, हल्दी या किसी शुभ चीज से बनाएं। नकली प्रतीकों को घर में ना लाएं। तो ये हैं वे गलतियां जो आपको धनतेरस के दिन बिलकुल नहीं करनी चाहिए। धनतेरस पर धन प्राप्ति और सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिये करें ये उपाय... धनतेरस पर गोमती चक्र के उपाय से आने वाले दिनों में व्यक्ति के पास से धन की कमी दूर हो जाती है। धनतरेस पर पांच गोमती चक्र पर चंदन लगाकर लक्ष्मी पूजन करें और लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें। धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश और कुबेर पूजन करने के बाद रात को 21 चावल के दाने को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर धन रखने वाली जगह पर रख दें। धनतेरस के दिन इस उपाय से आर्थिक संपन्नता आती है। धनतेरस से भाईदूज तक 11 कौड़ियों को लाल कपड़े में रखकर श्री सूक्त का पाठ करने से धन संबंधी तमाम तरह की बाधाएं दूर हो जाती है। अचानक धन प्राप्ति के लिए धनतेरस की शाम को 13 दीपक जलाएं और साथ में 13 कौड़ियां के लेकर आधी रात के समय घर के प्रत्येक कोने में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को अचानक धन संपदा प्राप्ति होती है। जिन लोगों के पास धन नहीं टिक पाता और हमेशा धन की कमी रहती है उन्हें धनतेरस से दिवाली के दिन तक मां लक्ष्मी को लौंग का एक जोड़ा जरूर चढ़ाएं। समाज में पैसे के साथ अगर मान-सम्मान और औहदा प्राप्त करना है तो धनतेरस के दिन उस पेड़ की टहनी को तोड़कर घर लाएं जिसमें अक्सर चमगादड़ डेरा जमाएं रहते हो। इस टहनी को घर के मुख्य कमरे में रखने से सभी तरह की खुशियां मिलती हैं। हिन्दुस्थान समाचार/पुष्पेंद्र सोनी/राजेश-hindusthansamachar.in

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