लेखपाल की काली करतूत से ग्रमीणों को नही मिल पा रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
लेखपाल की काली करतूत से ग्रमीणों को नही मिल पा रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

लेखपाल की काली करतूत से ग्रमीणों को नही मिल पा रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

सरकारी नौकरी से रिटायर्ड पेन्सिन धारक उठा रहे लाभ औरैया, 24 जुलाई (हि. स.)। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के तमाम निर्देशों के बाबजूद यूपी में तैनात प्रशासनिक तंत्र सुधरने का नाम नही ले रहा है । सूखे और आकाल से परेशान किसानों को जहाँ सरकार फसल ऋण मोचन योजना के द्वारा मदद देकर जीवन-यापन करा रही है । तो वही जिले की अजीतमल तहसील में तैनात लेखपाल ने रिश्वत के 2 सौ रुपये न मिलने से एक एकड़ के किसान की प्रति माह आय 4 हजार से और सालाना आय 48 हजार दिखाकर किसान सहित प्रशासनिक अधिकारियों को सकते में हैरत में डाल दिया है । फिलहाल एसडीएम ने मीडिया की पहल के बाद आरोपी लेखपाल की जाँच के आदेश दिए है । प्रकृति की मार से साल दर साल बिगड़ते हालातों ने सरकारों को कटघरे में खड़ा कर दिया है । नतीजतन योगी सरकार बुन्देखण्ड से जुड़ी हर खबर पर टकटकी लगाए बैठी है । यहीं नहीं बीजेपी सरकार बीहड़ क्षेत्र में बढ़ती बदहाली के लिए चिंतित है शायद यहीं वजह है कि यहाँ के बाशिंदों को हर मदद देने की न केवल पहल कर रहे है बल्कि बढ़ती रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने के भी निर्देश दिए गए है लेकिन रिश्वतखोरी सरकारी मशीनरी में इस कदर हावी है कि ये सुधरने का नाम नहीं ले रहे है । एक बार फिर रिश्वतखोरी का शिकार हुआ है मजदूर किसान । कुदरत के कहर से परेशान किसान जहाँ एक ओर दो वक्त की रोजी रोटी के लिए हाड़तोड़ मेहनत कर अपना गुजर बसर कर रहा है और प्रशासनिक मशीनरी की ओर सरकार की सहायता राशि की हर पल मदद की आस लगाए बैठे हैं तो वही औरैया के अजीतमल तहसील में तैनात मौजा तिवरलालपुर के लेखपाल ग्रिजेश कुमार ने महज 200 रुपये की रिश्वत न मिलने पर तिवरलालपुर गांव में रहने वाले मजदूर किसानो अनिल कुमार पुत्र शोभरन, सर्वेश कुमार पुत्र बावूराम, सुनील कुमार पुत्र बालकराम व अमर सिंह पुत्र रामसनेही को एक माह 4 हजार रुपये की आय दर्शाकर सालाना आमदनी 48 हजार दिखा दी है । जबकि यूपी पुलिस कांस्टेबिल से रिटायर्ड पेशिल धारक नुरूउलहशन पुत्र बावूखान की एक की एक माह 3 हजार 500 रुपए की आय दर्शाकर सालाना आमदनी गरीवी रेखा से नीचे 42 हजार दिखा दी। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/मोहित-hindusthansamachar.in

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