रामजन्मभूमि के महानायक के निधन पर राष्ट्रपति ने जताया शोक परिजनों को भेजा शोक संदेश
रामजन्मभूमि के महानायक के निधन पर राष्ट्रपति ने जताया शोक परिजनों को भेजा शोक संदेश

रामजन्मभूमि के महानायक के निधन पर राष्ट्रपति ने जताया शोक परिजनों को भेजा शोक संदेश

- सेवानिवृत्त आईएएस रामशरण श्रीवास्तव ने रामजन्मभूमि विवाद पर दृष्टिकोण नामक लिखी थी पुस्तक हमीरपुर, 03 सितम्बर (हि.स.)। रामजन्मभूमि के महानायक एवं फैजाबाद के पूर्व जिलाधिकारी रामशरण श्रीवास्तव के निधन पर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गहरा दुख व्यक्त करते हुये परिजनों को शोक संदेश भेजा है। जनपद के कुरारा क्षेत्र के पारा गांव निवासी सेवानिवृत्त आईएएस रामशरण श्रीवास्तव का दो दिन पहले निधन हो गया था। वह 85 वर्ष के थे। ये वर्ष 1987 से 1990 तक फैजाबाद के जिलाधिकारी रहे वहीं कानपुर और हरदोई के जिलाधिकारी के पद पर सेवायें दे चुके है। रामजन्मभूमि विवाद के इनकी कोर्ट में गवाही भी हुयी थी। सेवानिवृत्त के बाद इन्होंने इस विवाद को लेकर एक पुस्तक दृष्टिकोण लिखी थी जिसके तीन संस्करण प्रकाशित भी हुये। इस पुस्तक में यह साबित किया गया है कि विवादित भवन का निर्माण पूर्व निर्मित मंदिर को तोड़कर कराया गया है। यह पुस्तक माननीय उच्चन्यायालय की लखनऊ की खंडपीठ में चल रहे वादों में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गयी थी। कोर्ट ने उन्हें साक्षी के तौर पर आमंत्रित भी किया गया था। जहां इनसे विभिन्न पक्षों के अधिवक्ताओं ने 17 दिवसों तक जिरह की थी। यह बड़े ही गौरव की बात है कि जो निष्कर्ष इस पुस्तक में निकाले गये थे उसी प्रकार का निर्णय कोर्ट ने दिया। सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय होते ही रामशरण श्रीवास्तव इस पुस्तक के चौथे संस्करण के प्रकाशन की तैयारी कर रहे थे लेकिन उनका अचानक निधन हो गया। इन्हें उत्तर प्रदेश रत्न सेवा, रत्न साहित्य सेवा, रत्न गौरव व कानपुर गौरव से भी सम्मानित किया गया था। इनके निधन से यहां समूचे क्षेत्र में शोक की लहर है। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके अनुज भाई कृष्ण शरण श्रीवास्तव को शोक संदेश भेजकर शोक संवेदना व्यक्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/मोहित-hindusthansamachar.in

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