योगी सरकार की बड़ी पहल, यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर
योगी सरकार की बड़ी पहल, यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

योगी सरकार की बड़ी पहल, यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

-उप्र में महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए होगा बाल पुष्टाहार का वितरण -7.20 लाख महिलाओं को सीधे मिलेगा रोजगार लखनऊ, 08 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन और यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के बीच मंगलवार को अहम एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बाल पुष्टाहार का वितरण होगा। पहले चरण में लगभग प्रदेश के तीस फीसदी पुष्टाहार वितरण का काम स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा। इससे करीब 7.20 लाख महिलाओं को सीधे रोजगार मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह से स्वयं सहायता समूहों चलाने वाली महिलाओं से बातचीत करने के साथ ही इस एमओयू का हिस्सा बनने के लिए उनको बधाई दी। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह सचमुच एक क्रांतिकारी कदम तथा ऐतिहासिक क्षण है। ये एमओयू इस बात को साबित करता है कि शासन की योजनाओं को जरूरतमंदों तक पूरी पारदर्शिता के साथ पहुंचाने में महिला स्वयंसेवी समूहों की बहुत अच्छी भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयंसेवी समूहों की विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका को हमने पहले भी देखा है। प्रदेश में इन्हें पहले भी विभिन्न कार्य सौंपे गए हैं। कुछ क्षेत्रों में हमने राशन की दुकानों से लेकर बिजली बिल जमा कराने की जिम्मेदारी भी सौंपी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा समूह के 1.80 करोड़ छात्रों के लिए यूनिफॉर्म बनाई जाती हैं। एक बच्चे को दो यूनिफॉर्म व वर्ष में एक बार उन्हें स्वेटर उपलब्ध कराया जाता है। ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयंसेवी समूह इस कार्य को बेहतर ढंग से कर रहे हैं। इसी प्रकार अलग-अलग क्षेत्रों में ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ जुड़ी बहनों के लिए अब कार्य की कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 18 जनपदों के 204 विकास खंड आज इस एमओयू के साथ जुड़ रहे हैं। हमारा प्रयास प्रदेश के 825 विकासखंडों में चरणबद्ध तरीके से इसे बढ़ाने का है। जब महिलाओं से सम्बंधित मुद्दे को महिलाएं स्वयं उठाकर जरूरत के हिसाब से पोषाहार पहुंचाने का कार्य करेंगी तो शिकायतें अपने आप समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न महिला स्वयंसेवी समूहों के द्वारा रचनात्मक कार्य भी किया जा रहा है। कहीं लोग इत्र बना रहे हैं, कहीं एलईडी बनाने के कार्य से जुड़े हुए हैं। अगर लोग चाहेंगे तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किए जाने वाले खाद्यान्न के साथ भी समूहों को जोड़ दिया जाएगा। 'प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर पैकेज' के अंतर्गत हर विकासखंड में गोदाम और कोल्ड स्टोरेज बनने हैं। ऐसे में इस कार्य के साथ जुड़कर भी हम इस कार्यक्रम को अच्छे ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत अलीगढ़, औरैया, बांदा, बिजनौर, चंदौली, फिरोजाबाद, इटावा, गोरखपुर, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मीरजापुर, प्रयागराज, सुलतानपुर और उन्नाव को मिलाकर कुल 18 जनपद पहले चरण में लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन जनपदों की सफलता की कहानी अन्य जनपदों और अन्य विकासखंडों तक पहुंचाने के लिए हमें एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना होगा। जिले की टीम इन सभी स्वयंसेवी समूहों के प्रशिक्षण का कार्य बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि 3,000 से अधिक स्वयंसेवी समूहों से जुड़ी बहनें इसका लाभ प्राप्त करेंगी। इससे प्रत्येक को 240 दिनों का रोजगार सृजन होगा और प्रतिमाह पांच से सात हजार अर्जित किए जा सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/राजेश-hindusthansamachar.in

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