यदि मन में हो घबराहट तो तुरंत दिखाएं मनोचिकित्सक को,  करें अनुलोम-विलोम
यदि मन में हो घबराहट तो तुरंत दिखाएं मनोचिकित्सक को, करें अनुलोम-विलोम

यदि मन में हो घबराहट तो तुरंत दिखाएं मनोचिकित्सक को, करें अनुलोम-विलोम

-मनोचिकित्सक ने कहा, एंजाइटी डिप्रेशन के मरीजों की बढ़ रही संख्या लखनऊ, 09 अक्टूबर (हि.स.)। बहुत दिनों से एकांतवास करने अथवा बेरोजगार हो जाने के कारण एंजाइटी डिप्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। जब आपके भीतर घबराहट, बेचैनी घुटन हो तो आप मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। यही अस्वस्थता बढ़कर आत्महत्या जैसी कुविचार को जन्म देती है। मानसिक अस्वस्थ होने का मतलब यह भी नहीं कि आप पागल हो गये हैं। घबराहट या बेचैनी की स्थिति में आपको बेझिझक मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इस संबंध में सामाजिक मनोचिकित्सक डाक्टर प्रेम प्रकाश का कहना है कि इस समय बहुत दिनों से लोगों का बाहर मिलना-जुलना बंद होने के कारण एंजाइटी डिप्रेशन के मरीजों की संख्या ज्यादा आ रही है। इसमें डिप्रेशन के शिकार होने के कारण बेचैनी बढ़ जाती है। इससे लोग घबराहट महसूस करते हैं। इसमें योग में अनुलोम-विलोम करना सबसे उपयुक्त होता है। यदि ज्यादा बेचैनी महसूस हो तो व्यक्ति को मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या इस बात की आती है कि मनोविकार होने पर लोग मनोचिकित्सक के यहां जाने में झुझलाहट महसूस करते हैं और जाने से बचते हैं। इससे मनोविकार बढ़ता जाता है और वह भयावह रूप धारण कर लेता है। ऐसे में कई बार नियंत्रण से बाहर हो जाता है। मनोविकार के रोगी यदि समय से विशेषज्ञ के पास पहुंच जाय तो आसानी से रोगों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्हाेंने बताया कि आत्महत्या की प्रवृत्ति जागृत होना भी मनोविकार है। यदि परिवार का कोई सदस्य गुमसुम रहता है या उसकी सामान्य प्रक्रिया से बदली हुई प्रवृत्ति महसूस होती है तो उसके लिए मनोचिकित्सक से समय रहते संपर्क किया जाय तो उस व्यक्ति को आसानी से ठीक किया जा सकता है। आत्महत्या का विचार आना ही मनोरोग है। इसका ईलाज समय से होना चाहिए। यह डिप्रेशन के कारण आता है। यह बता दें कि हर वर्ष आत्महत्या की दर में बढ़ोत्तरी होती जा रही है। इसका कारण है लोगों में आत्मविश्वास की कमी होना। 2019 में भारत में 1,39,123 लोगों ने आत्महत्या किया था। इसमें कमी लाने के लिए सरकार ने भी कई कदम उठाये हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/दीपक-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in