मीरजापुर : हैंडपंप के पानी में बढ़ी आयरन, नाइट्रेट की मात्रा
मीरजापुर : हैंडपंप के पानी में बढ़ी आयरन, नाइट्रेट की मात्रा

मीरजापुर : हैंडपंप के पानी में बढ़ी आयरन, नाइट्रेट की मात्रा

-1038 पानी के सैम्पलिंग में मिले संकेत -लालगंज, मझवां, राजगढ़ ब्लाक के गांवों के पानी में बदलाव -जल निगम के वाटर लैब में पानी के टेस्टिंग की गई -जल जीवन मिशन की वेबसाइट पर की फीडिंग मीरजापुर, 18 दिसम्बर (हि.स.)। जिले के लालगंज, राजगढ़ और मझवां ब्लाक के गांवों के हैंडपंपों के पानी में आयरन और नाइट्रेट की मात्रा बढ़ गई है। आयरन की मात्रा एवर 0.7 मिली ग्राम प्रति लिटर पानी में पाया गया है। तीनों ब्लाकों के विभिन्न गांवों से अंडरग्राउंड वाटर की अगस्त 2019 से अक्तूबर- 2020 तक लिए गए लगभग 1038 पानी की सैम्पल की जांच में परिणाम सामने आए हैं। पानी के सैम्पलों की जांच नगर के नकहरा स्थित जल निगम के वाटर लैब में की गई। पानी लैब की जांच रिपोर्ट के अनुसार लालगंज के बनवारीपुर के गुरुनाथ के हैंडपंप की के पानी में 90, फाकू 70, उरूआ गांव के सुशील कोल के हैंडपंप के पानी में 80, पजरा के प्रमोज के हैंडपंप के पानी में 60 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी में नाइट्रेट पाया गया। इसी प्रकार कठवार के काशी के हैंडपंप में 6.2, खैराकला के भगवान दास 4.8, बरकच में 4.5 मिलीग्रामी आयरन की मात्रा पाया गया है। इसी प्रकार पतुलकी न्यायपंचायत के धनेश्वर, रामपुर वाशित अली, सेमरा मगरदा में 4.5, जयकर कला के रामसेवक के हैंडपंप के पानी में 5.8 मिलीग्राम प्रति लिटर पानी में आयरन की मात्रा मौजूद है। जबकि मझवां के रामपुर कोईरान संजय चौरसिया के हैंडपंप के पानी में 2.5 मिलीग्राम आयरन मौजूद है। इसके अलावा लालगंज के ही मानिकपुर, बभनी, हर्दिया, मथुरापुर आदि गांवों के पानी की सैम्पलों की जांच में आयरन अधिक पाये गए हैं। यही नहीं राजगढ़ के विभिन्न गांवों के पानी की जांच रिपोर्ट में भी कमोबेश आयरन की मात्रा चिंता जनक स्तर पर पायी गई है। पानी की जांच रिपोर्ट जल जीवन मिशन की वेब साइट पर फीड कर दी गई है। 0.3 से 1.0 है आयरन का स्टैंडर्ड भू-गर्भ जल स्रोत में आयरन की मौजूदगी का स्टैंडर्ड मानक 0.3 से लेकर 1.0 प्रति लिटर मिली ग्राम है। इससे ऊपर पानी मेंआयरन की मात्रा होने पर पानी गंदला हो जाता है। जो पीने योग्य नहीं होता। हैंडपंपों के पुरानी पाइपों से बढ़ सकता है आयरन जल निगम के वाटर लैब के केमिस्ट अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि हैंडपंप की पुरानी पाइप, रिसाव से आयरन की मात्रा अधिक हो सकती है। जबकि हैंडपंप के आसपास गंदगी, नाली के पानी का बहने और मानव जनित वजह से पानी में नाइट्रेट की मात्र अधिक हो जाती है। जो पीने योग्य नहीं होता। पाइप में जंग लगने से होती है समस्या जल निगम के अभाव शाखा के अधिशासी अभियंता संदीप सिंह ने बताया कि हैंडपंप की पुरानी पाइप में जंग लगने से आयरन की मात्रा पानी में बढ़ जाती है। जिसे रिबोर करवा कर नई पाइप डलवा कर संकट को दूर किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर/दीपक-hindusthansamachar.in

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