मीरजापुर, मंडलीय व कोरोना अस्पताल में आक्सीजन की 24 घंटे व्यवस्था
मीरजापुर, मंडलीय व कोरोना अस्पताल में आक्सीजन की 24 घंटे व्यवस्था

मीरजापुर, मंडलीय व कोरोना अस्पताल में आक्सीजन की 24 घंटे व्यवस्था

- अस्पताल में भर्ती मरीजों को बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ती - प्रतिदिन दो बड़े व पांच छोटे सिलेंडर की अस्पताल में खपत -आक्सीजन कंसंट्रेटर से मरीजों दिया जाता है आक्सीजन मीरजापुर, 14 सितम्बर (हि.स.)। कोरोना काल में आक्सीजन की किल्लत बढ़ी है। लेकिन वर्तमान समय में मंडलीय अस्पताल व कोरोना अस्पताल में मरीजों के लिए आक्सीजन की 24 घंटे व्यवस्था उपलब्ध है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ती है। मरीजों को अस्पताल से ही आक्सीजन मुहैया कराया जाता है। सिलेंडर के अलावा आक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा उपलब्ध है। इमरजेंसी में मरीजों को इसी मशीन से आक्सीजन दी जाती है। अस्पताल में प्रतिदिन दो बड़ा व पांच छोटे सिलेंडर की खपत है। फिलहाल मरीज के अनुसार आक्सीजन की खपत घटती व बढ़ती रहती है। वहीं कोरोना अस्पताल एल-1 व एल-2 में भी आक्सीजन की व्यवस्था उपलब्ध है। मंडलीय अस्पताल में बड़ा (जम्बो) सिलेंडर 82 है। जबकि मीडियम सिलेंडर 75 है। इसके अलावा अलावा 10 आक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध है। जो बिजली से आक्सीजन तैयार करता है। जो अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में पांच, इमरजेंसी में 2, मेडिकल, महिला, सर्जिकल में एक-एक है। मेडिकल, महिला व सर्जिकल वार्ड में आक्सीजन पाइप लाइन की व्यवस्था भी है। पाइप लाइन के लिए बड़े आक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग किया जाता है। एसआईसी, मंडलीय अस्पताल डा. आलोक कुमार ने कहा कि अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध है। जो अस्पताल में भर्ती मरीजों को मुहैया कराया जाता है। सिलेंडर की कमी को समय समय पूरा कर दिया जाता है। इससे अस्पताल में आक्सीजन की कमी नहीं होती है। नोडल अधिकारी डा. अजय कुमार सिंह ने बताया किएल-2 में गंभीर मरीज ही भर्ती होते हैं। ऐसे में मरीजों के लिए आक्सीजन बहुत जरुरी है। इसके लिए अलग से आक्सीजन सिलेंडर रिजर्व भी रखा गया है। जबकि शेम्फोर्ड अस्पताल में मरीज आइसोलेट हैं। फिलहाल जरुरत को देखते वहां भी 25 सिलेंडर रखे गए हैं। कोरोना अस्पताल में प्रतिदिन पांच आक्सीजन सिलेंडर की है खपत कोरोना मरीजों के लिए आक्सीजन की अत्यधिक जरुरत पड़ती है। ऐसे में कोरोना अस्पताल में दस से पंद्रह आक्सीजन सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं। जिले में कोरोना मरीजों के लिए एल-1 व एल-2 अस्पताल हैं। जहां कोरोना मरीजों का उपचार किया जाता है। एल-1 में कुल 25 सिलेंडर उपलब्ध है। जबकि एल-2 अस्पताल में 40 सिलेंडर बड़ा है। जबकि 20 छोटा सिलेंडर व दस सिलेंडर रिजर्व में है। अस्पताल में चार से पांच सिलेंडर की प्रतिदिन खपत है। इसके अलावा मरीजों के अनुसार आक्सीजन की जरुरत पड़ती है। एक बड़े सिलेंडर पर 267 रुपये का खर्च मंडलीय अस्पताल के सीएमएस डा. आलोक ने बताया कि एक बडे़ सिलेंडर पर 267.86 रुपये खर्च आता है। जबकि छोटे सिलेंडर पर 120.54 रुपये खर्च है। इसके अलावा 12 प्रतिशत जीएसटी है। अस्पताल के सभी सिलेंडर में वाराणसी से आक्सीजन आता है। जो मेडिकल ग्रेड की आक्सीजन होती है। बाजार में छह सौ रुपये सिलेंडर की कीमत बाजार से आक्सीजन सिलेंडर लेने पर कीमत दोगुनी हो जाती है। बाजार में आपूर्तिकर्ता छह सौ रुपये में सिलेंडर देते हैं। जो प्राईवेट के तौर मरीजों को आक्सीजन मुहैया कराते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/राजेश-hindusthansamachar.in

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