मीरजापुर : आयुष्मान भारत योजना के दो वर्ष पूर्ण होने पर लगाया कैम्प
मीरजापुर : आयुष्मान भारत योजना के दो वर्ष पूर्ण होने पर लगाया कैम्प

मीरजापुर : आयुष्मान भारत योजना के दो वर्ष पूर्ण होने पर लगाया कैम्प

तीन चिकित्सालयों को अच्छा कार्य करने पर किया गया सम्मानित मीरजापुर, 24 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्र व प्रदेश की अति महत्वाकांक्षी योजन आयुष्मान भारत योजना के दो वर्ष पूर्ण होने पर गुरूवार को जिले के कई गांवों में कैम्प आयोजित किया गया। विकास खण्ड पहाड़ी स्थित ग्राम बेदौली कलां के प्राथमिक पाठशाला पर आयोजित कैम्प में गोल्डन कार्ड बनाया गया। इसका शुभारम्भ अपर मुख्य चिकित्साधिकारी नोडल अधिकारी डा. सुबोध सिन्हा ने किया। इस अवसर पर उत्तम कार्य करने वाले जनपद के तीन चिकित्सालयों को नोडल अधिकारी ने फोन पर बधाई दिया। आयुष्मान भारत योजना के तहत सम्मानित होने वाले जिले के तीन चिकित्सालयों में रामकृष्ण सेवा आश्रम, गीताजंली व विश्वास सर्जिकल चिकित्सालय शामिल है। जिला कार्यक्रम समन्वयक संजीव पाठक ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना 23 सितम्बर 2020 को दो वर्ष पूर्ण हो गया। यह योजना गरीब परिवार के लिए एक संजीवनी बूंटी की तरह काम किया है। कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी इलाज कराने में असमर्थ व्यक्तियों के लिए पूरी तरह उपयोगी सिद्ध हुआ। एक अप्रैल से लेकर 23 सितम्बर 2020 तक 155 कार्डधारकों ने इस योजना का लाभ लिया। ऐसे लाभार्थियों को एक नया जीवन दान मिला। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक राहुल मिश्र ने बताया कि पूर्णबंदी के दौरान शासन से 3732 प्रवासी मजदूरों की सूची उपलब्ध करायी गई थी। सूची मिलते ही जनपद में कार्यरत आशा कार्यकत्र्रीयों ने सम्पर्क कर एवं आरोग्य मित्रों ने प्रवासी मजदूरों के आयुष्मान योजना के कार्ड को एक्टिवेट कराया। इससे प्रवासी मजदूरों को उपचार कराने में काफी सहूलियत मिली। आयुष्मान भारत योजना में जिले में कुल लाभार्थियों की संख्या 164227 है। दो वर्ष में योजना का 53842 लाभार्थियों को लाभ मिला। जनपद में 15 राजकीय और 22 निजी चिकित्सालयों में इलाज की सुविधा उपलब्ध है। योजना के तहत सम्बद्ध चिकित्सालयों को 2.64 करोड़ का भुगतान किया गया। इलाज के अभाव में भटकने वालों को मिली मदद चुनार विकास खंड के कन्हईपुर गांव निवासी सुरेश को यूरोलांजी से सम्बन्धित दिक्कतें आई जिसके उपचार के लिए ऑपरेशन कराना आवश्यक था। कोरोना के चलते इलाज कराने में दिक्कत आई। इलाज के अभाव में सुरेश का पुत्र राकेश भटकता रहा। बाद वह योजना के जिला सूचना प्रबन्धक राहुल से मिला। आयुष्मान भारत योजना की टीम ने सुरेश की मंडलीय चिकित्सालय में कोरोना की जांच कराते हुए उसके इलाज में मदद की। कानुपर जिले में सुरेश का यूरोलॉजी का ऑपरेशन कराया गया। निजी चिकित्सालयों में उपचार हेतु 40 से 45 हजार रूपये तक का खर्च बताया जा रहा था मगर भारत सरकार की प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत सुरेश का ऑपरेशन निःशुल्क हुआ। उसके बाद अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/दीपक-hindusthansamachar.in

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