महिला चिकित्सालय में मेडिकल कालेज के सीनियर, जूनियर के लिए बनेगा रेजीडेंस
महिला चिकित्सालय में मेडिकल कालेज के सीनियर, जूनियर के लिए बनेगा रेजीडेंस

महिला चिकित्सालय में मेडिकल कालेज के सीनियर, जूनियर के लिए बनेगा रेजीडेंस

चिकित्सालय को हाईटेक करने के लिए कवायद की गई शुरू परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट का इंतजार मीरजापुर, 14 सितम्बर (हि.स.)। जिला महिला चिकित्सालय के भवन को तोड़कर हार्टटेक चिकित्सालय बनाया जाएगा। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। पुराने भवन को तोड़कर नया बनाया जाए या फिर इसी भवन को हाईटेक किया जाए इसके लिए आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट आते ही भवन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। ताकि मेडिकल कालेज की पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राओं को प्रशिक्षण देने मे किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्र -छात्राओं को मेडिकल प्रशिक्षण की सुविधा देने के लिए मंडलीय चिकित्सालय के 300 तथा जिला महिला चिकित्सालय के 200 बेड के भवन को लिया जाएगा। छात्र- छात्राओं को शिक्षा पिपराडाड़ में बनने वाले भवन में दी जाएगी, जबकि चिकित्सालय प्रशिक्षण उनका मंडलीय व जिला महिला चिकित्सालय में कराया जाएगा। इसके लिए इन चिकित्सालयों को हाईटेक करने की कवायद चल रही है। मंडलीय चिकित्सालय में बने 100 बेड के भवन को कार्य शुरू होने पर हायर किया जाएगा। वहीं 85 बेड के पुराने भवन को 100 बेड में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है। 45 करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले इस भवन में हाईक्लास की सुविधा रहेगी। राजकीय निर्माण निगम आरएम अग्निहोत्री ने बताया कि महिला चिकित्सालय को हाईटेक किया जाएगा। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। मेडिकल कालेज के छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए परिसर में सीनियर व जूनियर के लिए रेजीडेंस बनाए जाएंगे। बीएचयू ने जांच में भवन को कर दिया है खारिज जिला महिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए बनाए जाने वाले रेजीडेंस भवन की जांच पहले आईआईटी बीएचयू कर चुका है। जिसने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा हैं कि यह भवन रेजीडेंस भवन बनाने के लिए बेकार है। इसलिए इसे तोड़कर नया भवन बनाया जाए। इसकी जानकारी होने पर प्रमुख सचिव ने कहा कि ऐसा नहीं है। एक स्थान से और जांच करा ली जाए। अगर वह भी मना कर देती है तो भवन को तोड़कर नया बनाया जाए। इसके बाद आईआईटी कानपुर के इंजीनियर इसका सर्वे कर भवन का सैंपल लेकर जांच के लिए ले गए। जो यह बताएंगे कि भवन ठीक हैं या नहीं। अगर उसने रिपोर्ट हा कहा तो इसी को हाईटेक किया जाएगा नहीं तो उसे तोड़कर नया बनाया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर-hindusthansamachar.in

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