भाजपा पार्षद के आरोप पर भड़के उपनेता सदन, अपशब्द कहने पर हुआ निलंबन
भाजपा पार्षद के आरोप पर भड़के उपनेता सदन, अपशब्द कहने पर हुआ निलंबन

भाजपा पार्षद के आरोप पर भड़के उपनेता सदन, अपशब्द कहने पर हुआ निलंबन

- महापौर ने गलत रैवये पर नगर निगम सदन से छह माह के लिए किया निलंबित - इस वर्ष कोरोना के चलते हुई सदन की पहली बैठक भी हंगामे की भेंट चढ़ी कानपुर, 18 नवम्बर (हि.स.)। नगर निगम सदन में आज विकास कार्यों को लेकर नहीं बल्कि उपनेता सदन की टिप्पणी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। उपनेता सदन की टिप्पणी के खिलाफ न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी तेवर दिखाए। दरअसल, धर्मशाला की दुकानों पर उन्हीं की पार्टी के पार्षद ने भरे सदन में जब कब्जे का आरोप लगाया तो उपनेता सदन महेंद्र शुक्ल दद्दा को यह आरोप इतना अखरा कि उन्होंने आवेश में आकर पार्षद पर अमर्यादित टिप्पणी कर दी। यही नहीं, महापौर प्रमिला पांडेय से भी उपनेता सदन की जमकर बहस हुई। इसके बाद उपनेता सदन को छह माह के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। नगर निगम के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी उपनेता सदन को निलंबित किया गया हो। इस साल के पहले सदन में बजट के साथ नगर निगम की आय बढ़ाने के प्रस्तावों पर चर्चा के साथ ही मुहर लगनी थी। नगर निगम में चल रही चर्चा के बीच भाजपा पार्षद रमेश चन्द्र ने अपने ही सीनियर साथी और पार्टी के उपनेता सदन महेंद्र शुक्ल दद्दा पर आरोप लगाया कि उन्होंने धर्मशा की दुकान पर कब्जा कर रखा है। रमेश के इस आरोप पर उपनेता सदन का पारा चढ़ गया और भरे सदन में उन्होंने पार्षद पर तीखी टिप्पणियां कीं। इस पर सदन में उनकी ही पार्टी के अन्य पार्षद और अन्य दलों के पार्षद बिफर गए। सदन में हंगामा और माहौल खराब होते देखकर महापौर प्रमिला पांडेय ने उपनेता सदन को समझाना चाहा तो यहां पर दोनों के बीच जमकर बहस हो गई। उपनेता सदन के आचरण को अनुशासनहीनता मानते हुए महापौर ने महेंद्र शुक्ल को छह माह के लिए सदन से निलंबित कर दिया और सदन को स्थगित कर दिया। नगर निगम के सीनियर पार्षदों का कहना है कि नगर निगम के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी उपनेता सदन को सदन से निलंबित किया गया हो। यहां तक कि किसी पार्षद को भी छह माह के लिए निलंबित नहीं किया गया। लंबे समय से चल रही है खींचतान नगर निगम सदन में उपनेता महेंद्र शुक्ल को लेकर हुई खींचतान कोई नई बात नहीं है। बता दें कि, महापौर और उपनेता सदन के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। पूर्व में यह झगड़ा भाजपा के प्रदेश मुख्यालय तक पहुंच चुका है लेकिन फिलहाल यह सुलझते हुए नहीं दिखाई पड़ रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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