भक्ति के उल्लास में सराबोर नजर आया विंध्यधाम
भक्ति के उल्लास में सराबोर नजर आया विंध्यधाम

भक्ति के उल्लास में सराबोर नजर आया विंध्यधाम

मीरजापुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। शारदीय नवरात्र के षष्ठी तिथि को भक्त मां विंध्यवासिनी के कात्यायनी स्वरूप का दर्शन पूजन कर भक्त निहाल हो गए। विंध्य दरबार में गुरूवार को मंगला आरती के बाद सुबह ग्यारह बजे तक श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन कर पुण्य की कामना की। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर भी भक्तों की भारी भीड़ रही। मां के दर्शन पूजन के लिए बिहार, झारखण्ड, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, बलिया, कानपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़, दिल्ली और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में लोग विंध्यधाम पहुंचे थे। मां का दर्शन पूजन करने से पूर्व भक्तों ने गंगा स्नान कर मंदिर परिसर में दर्शन पूजन के लिए पंक्तिबद्ध हो गए। मंदिर पहुंचने के बाद किसी ने गर्भगृह में जाकर तो किसी ने झांकी से मां का दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर की छत पर जहां पाठ चल रहा है, वहीं विंध्य क्षेत्र के जगह-जगह बैठकर लोग साधना कर रहे हैं। मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन-पूजन करने के बाद भक्तों ने अष्टभुजा पहाड़ पर त्रिकोण परिक्रमा कर पुण्य के भागी बने। सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद रहे। श्रीविंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी भी भक्तों की सेवा में तल्लीन रहे। देवों की दीपावली यानी देवदीपावली मनाने के लिए विंध्य क्षेत्र अभी से तैयार है। विंध्यधाम के गंगा तट पर अलौकिक छटा का उद्भुत नजारा अभी से दिखने लगा है। अब सभी को इंतजार है कार्तिक पूर्णिमा की शाम सूर्य के डूबने और चांद के निकलने का। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवताओं की विनती पर भगवान शिव ने तीनों लोक में आतंक का पर्याय बने त्रिपुरासुर का वध किया था। भगवान शिव के इस कृत्य से उपकृत देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीपोत्सव मनाया था। तब से कार्तिक पूर्णिमा को देवदीवाली मनाने की प्रथा लोक चलन में आई। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in