बुंदेलखंड में बच्चों ने गढ़ी ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं
बुंदेलखंड में बच्चों ने गढ़ी ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं

बुंदेलखंड में बच्चों ने गढ़ी ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं

पंडालों के बजाय घरों में विराजमान होंगे गजानन बांदा, 20 अगस्त (हि.स.)।देश में फैली कोरोना महामारी के चलते इस बार सभी तीज त्यौहारों को सार्वजनिक रूप से मनाने पर प्रतिबंध है।ऐसे में बुंदेलखंड के बच्चों ने इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं तैयार कर घरों में स्थापित करने का संकल्प लिया। जिसके तहत दो दर्जन से ज्यादा गणेश प्रतिमाएं बच्चों द्वारा बनाई गई है जो घरों में 22 अगस्त को स्थापित की जाएंगी। बुंदेलखंड के जनपद बांदा में एक संस्था के सहयोग से इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाने का काम शुरू किया गया। जिसमें शाश्वत सिंह उर्फ सूर्यांश की प्रमुख भूमिका रही।उसने अपने छोटे भाई कौस्तुभ सिंह व छात्राएं मुस्कान ,अलका ,स्नेहा, कंचन रिमझिम की मदद से मूर्तियों को सजीव रूप देना शुरू किया। एक माह के अंदर इन्होंने दो दर्जन मूर्तियां तैयार की।इस बारे में शास्वत सिंह ने बताया कि हमने घास व मिट्टी से गणेश प्रतिमाओं को बनाया है। जिसमें गणेश जी के विभिन्न मुद्राओं को दर्शाया गया है ।बताया कि वह 7 साल की उम्र से मूर्तियां बना रहा है। पहले उसने दुर्गा जी की मूर्तियां बनाई और इस बार में गणेश जी की मोतियों बनाई है।उसने बताया कि कोरोना महामारी के संकट में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर बनने की जो प्रेरणा दी है उसे आत्मसात करते हुए मैंने अन्य बच्चों के साथ मिलकर इस बार गणेश प्रतिमाएं गढ़ी।वहीं एसीडी स्टूडियों संस्था की संचालिका श्रीमती निशा गुप्ता ने कहा कि कोरोना के कारण भले ही पंडालों में प्रतिमा रख कर पूजा करने पर प्रतिबंध है लेकिन लोगों में जो आस्था है उसे देखते हुए बच्चों को मूर्ति बनाने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आपदा को अवसर में बदलने का जो आवाहन किया उसे इन बच्चों ने करके दिखा दिया।बच्चों द्वारा बनाई गई गणेश प्रतिमाएं पूरी तरह इको फ्रेंडली हैं इन्हें घर पर ही शुद्ध पानी में विसर्जित किया जा सकता है।इसी तरह छोटी बाजार में जया गुप्ता ने भी इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बनाई है।उसने बताया कि मैं पिछले कई वर्षों से एक दो मूर्तियां बनाती थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण में घरों में रखकर पूजा करने के उद्देश्य गणेश प्रतिमा को बनाया, जिसे न सिर्फ लोगों ने पसंद किया बल्कि गणेश चतुर्थी के दिन अपने अपने घरों में स्थापित करने का संकल्प लिया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/मोहित-hindusthansamachar.in

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