बीएसए पर अवमानना आरोप निर्मित, कोर्ट ने शीघ्र सुनवाई की अर्जी खारिज की
बीएसए पर अवमानना आरोप निर्मित, कोर्ट ने शीघ्र सुनवाई की अर्जी खारिज की

बीएसए पर अवमानना आरोप निर्मित, कोर्ट ने शीघ्र सुनवाई की अर्जी खारिज की

प्रयागराज, 09 सितम्बर (हि.स)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जुलाई 1994 से मृतक आश्रित कोटे में नियुक्त जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापक को वेतन भुगतान के आदेश की अवमानना याचिका की शीघ्र सुनवाई से यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि आदेश की अवहेलना करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया संतोष कुमार राय के खिलाफ आरोप निर्मित किया गया है। कोविड 19 के प्रकोप के कारण अभी नार्मल ढंग से कोर्ट नहीं चल रही है। जब सामान्य स्थिति हो तो अवमानना की शीघ्र सुनवाई की मांग में दुबारा अर्जी दाखिल की जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति वी.के बिडला ने लक्ष्मण प्रसाद कुशवाहा की अवमानना याचिका पर दाखिल शीघ्र सुनवाई की अर्जी को निरस्त करते हुए दिया है। याचिका पर याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची 2 जुलाई 94 से जूनियर हाईस्कूल बलिया में बिना वेतन के पढ़ा रहा है। वह भुखमरी के कगार पर है। उसकी नियुक्ति मृतक आश्रित कोटे में की गयी है। हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल 2002 को याचिका मंजूर कर ली और बीएसए को नियमित वेतन भुगतान का निर्देश दिया। साथ ही 9 फीसदी व्याज के साथ बकाये वेतन का तीन माह में भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। जिसका पालन नही किया गया है। कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गयी है। कोर्ट द्वारा आदेश पालन का समय दिया गया। फिर भी पालन नहीं किया गया तो कोर्ट ने आदेश की जान बूझकर अवहेलना करने का अवमानना आरोप निर्मित किया और जवाब मांगा। 23 जुलाई 19 को याचिका की सुनवाई नहीं हो सकी। इसके बाद लॉकडाउन के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। तो याची ने कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई। कोर्ट ने नार्मल कोर्ट कार्यवाही सुचारू रूप से चलाये जाने पर कोर्ट में आने की सलाह देते हुए अर्जी खारिज कर दी है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in

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