बीएचयू व फार्ड फाउण्डेशन ने किया सहमति पत्र पर हस्ताक्षर, कृषि विकास को मिलेगी नई दिशा
बीएचयू व फार्ड फाउण्डेशन ने किया सहमति पत्र पर हस्ताक्षर, कृषि विकास को मिलेगी नई दिशा

बीएचयू व फार्ड फाउण्डेशन ने किया सहमति पत्र पर हस्ताक्षर, कृषि विकास को मिलेगी नई दिशा

दोनों संस्थान भविष्य के कृषि विकास का रोड मैप भी मिलकर बनाएंगे वाराणसी, 13 अक्टूबर (हि.स.)। वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में कृषि विकास को नई दिशा देने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और गैर शासकीय संगठन फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवेलपमेंट (फॉर्ड फाउंडेशन) ने मिलकर कार्य करने के लिए मंगलवार को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। प्रोजेक्ट, प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, ग्रामीण विकास के कार्यक्रम व अन्य ऑउट रीच प्रोग्राम इसमें शामिल है। बीएचयू के पूर्व कुलपति व रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के चांसलर कृषि वैज्ञानिक प्रो. पंजाब सिंह व वर्तमान बीएचयू कुलपति प्रो. राकेश भटनागर की उपस्थिति में अध्यक्ष, फॉर्ड फाउंडेशन व कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी ने सहमति पत्र एमओयू पर हस्ताक्षर किया। विश्वविद्मालय के जन सम्पर्क अधिकारी प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के बाद दोनों संस्थान मिलकर भविष्य के कृषि विकास का रोड मैप बनाएंगे। इसके आधार पर विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के छात्रों को फील्ड विजिट पर भेजने के साथ फॉर्ड फाउंडेशन के सहयोग से प्रगतिशील किसानों के द्वारा किये जा रहे तकनीक प्रदर्शन व इन्नोवेटिव किसानों से मिलकर एक बेसलाइन सर्वे के आधार पर रिपोर्ट भी तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन द्वारा वर्तमान समय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के सहयोग से भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित बॉयोटेक किसान परियोजना पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों के अनेकों गांवो में किसानों को उन्नत किस्म के बीज, प्रशिक्षण कार्यक्रम, फसल एवं तकनीकी प्रदर्शन व निर्यात के लिये किसानों को प्रोत्साहित करने का कार्य भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। साथ ही साथ इस परियोजना के माध्यम से चयनित चारों जिलों से एक एक गांव को मॉडल ग्राम के रूप में भी विकसित किया जा रहा है, जहां पर स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य तकनीकी ज्ञान विज्ञान के विषय की भी जानकारी सुदूर गांव तक पहुचाया जा सके। विश्वविद्यालय के मजबूत अधो संरचना, प्रयोगशाला व वैज्ञानिकों की मजबूत टीम व फाउंडेशन ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे विकास के जमीनी कार्य के आधार भी तैयार करेंगे। सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के दौरान कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. रमेश चंद्रा, डीन प्रो. एपी सिंह, कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. एसआर सिंह, उपकुलसचिव (विकास) वेणुगोपाल सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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