बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर भर्ती में आर्थिक आय वर्ग आरक्षण को चुनौती
बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर भर्ती में आर्थिक आय वर्ग आरक्षण को चुनौती

बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर भर्ती में आर्थिक आय वर्ग आरक्षण को चुनौती

प्रयागराज, 24 नवम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के खिलाफ याचिका पर विश्वविद्यालय से आठ दिसम्बर तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि यदि जवाब नहीं दाखिल हुआ तो याचिका बिना जवाबी हलफनामा के तय कर दी जायेगी। याचिका की सुनवाई 8 दिसम्बर को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने राजेश कुमार राय की याचिका पर दिया। याची का कहना है कि दो सौ से अधिक एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की भर्ती मे 10 वर्ष सहायक प्रोफेसर का अनुभव होने की अर्हता रखी गई है। किसी भी सहायक प्रोफेसर की वार्षिक आय 9 लाख से कम नहीं है और आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थी की अधिकतम वार्षिक आय 8 लाख रखी गयी है। इस कारण से आर्थिक आय वर्ग का एक भी अभ्यर्थी मिलना असंभव है। ऐसे में सामान्य वर्ग की 21 सीटों का चयन नही हो सकेगा।जिससे सामान्य वर्ग के पद खाली रह जायेगे। इसलिए आर्थिक आय वर्ग का आरक्षण रद्द किया जाय। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in

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