बी.एस.सी. पास अभ्यर्थियों को बी.टेक. कोर्स के द्वितीय वर्ष में सीधे प्रवेश का सुनहरा मौका
बी.एस.सी. पास अभ्यर्थियों को बी.टेक. कोर्स के द्वितीय वर्ष में सीधे प्रवेश का सुनहरा मौका

बी.एस.सी. पास अभ्यर्थियों को बी.टेक. कोर्स के द्वितीय वर्ष में सीधे प्रवेश का सुनहरा मौका

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है, फूड टेक्नोलॉजिस्ट्स और फूड इंजीनियर्स की मांग झांसी, 02 नवम्बर(हि.स.)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने, फूड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बढ़ती हुयी संभावनाओं तथा बी.टेक., फूड इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए छात्रों के बढ़ते हुए रुझान को देखते हुए,पाठ्यक्रम के द्वित्तीय वर्ष में डिप्लोमा पास अभ्यर्थियों के साथ-साथ लेटरल एंट्री स्कीम द्वारा बी.एस.सी. पास अभ्यर्थियों को भी सीधे प्रवेश देने का निर्णय लिया है। पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए इंटरमीडिएट- मैथमेटिक्स ग्रुप (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमैटिक्स) इंटरमीडिएट - बायोलॉजी ग्रुप (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) के साथ साथ इंटरमीडिएट-कृषि के अभ्यर्थिओं को भी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश देने का निर्णय लिया पूर्व में ही ले लिया गया था। लेटरल एंट्री स्कीम द्वारा प्रवेश के लिए अभ्यर्थी को दिनांक 10 नवम्बर 2020 तक विश्वविद्यालय की वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डाॅट बीयू झांसी डाॅट एसी डाॅट इन पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करते हुए पूरित आवेदन को प्रवेश प्रकोष्ठ कार्यालय में जमा करना होग। तत्पश्चात दिनांक 12 नवम्बर 2020 को प्रवेश मेरिट के आधार पर किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त इंटरमीडिएट पी.सी.एम.,पी.सी.बी. कृषि के अभ्यर्थी इस पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करते हुए दिनांक 05 नवम्बर 2020 तक सीधे प्रवेश ले सकते हैं। अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के संकायाध्यक्ष/निदेशक- प्रोफेसर एस. के. कटियार ने बताया भारत में फूड इंडस्ट्री प्रतिवर्ष 23 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से विकसित हो रही है, और इस क्षेत्र में फूड टेक्नोलॉजिस्ट्स और फूड इंजीनियर्स की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उत्पादन, खपत, निर्यात और अपेक्षित विकास के मामले में सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। भारतीय उद्योग निकाय एसोचैम तथा शिकागो की पेशेवर सेवा कंपनी ग्रांट थॉर्नटन के संयुक्त अध्ययन के मुताबिक 2024 तक खाद्य प्रसंकरण क्षेत्र में 90 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की क्षमता है। भारत में 24 लाख करोड़ रुपये के खाद्य उत्पादों की कुल खपत होती है, जिसके 2025 तक बढ़कर 65 लाख करोड़ रूपये तक हो जाने की उम्मीद है। इससे भारत में फूड वैल्यू चेन बनाने को लेकर बड़े मौके मिलेंगे। यह ऐसा वृहद क्षेत्र है, जहाँ रोजगार के साथ साथ व्यवसाय के असीम अवसर हैं। इंजी० रवि कुमार, समन्वयक, फूड इंजी० एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने बताया की फूड इंडस्ट्री में फूड इंजीनियर्सध्टेक्नोलॉजिस्ट की आवश्यकता अनेक विभागों जैसे प्रोडक्शन, क्वालिटी कंट्रोल, रिसर्च एंड डेवलपमेंट आदि के लिए होती है। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद छात्र फूड सेक्टर की कंपनियों जैसे आई० टी० सी०, नेस्ले, कैडबरी, ब्रिटानिया, अमूल, पेप्सिको, हल्दीराम, बिकानो, डाबर, पार्ले, गोदरेज, वाडीलाल इत्यादि में फूड इंजीनियर, फूड टेक्नोलॉजिस्ट, फूड साइंटिस्ट, रिसर्च एंड डिजाइन इंजीनियर, फूड क्वालिटी एश्योरेंस आफिसर, सेंसरी साइंटिस्ट, फ्लेवर साइंटिस्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोडक्शन मैनेजर, फूड एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट इत्यादि पदों पर कार्य कर सकते हैं, अथवा अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। पब्लिक सेक्टर में आप फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया,खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, मॉडर्न फूड कार्पोरेशन, नार्थ-इस्टर्न एग्रीकल्चरल मार्केटिंग कार्पोरेशन आदि जगहों पर कार्य कर सकतें हैं। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

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