बाहुबली अतीक को जान का खतरा, वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की मांग
बाहुबली अतीक को जान का खतरा, वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की मांग

बाहुबली अतीक को जान का खतरा, वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की मांग

प्रयागराज, 22 अक्टूबर (हि.स.)। अहमदाबाद, गुजरात के साबरमती जेल में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को यूपी आने से ही डर लग रहा है। यूपी में अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई से बाहुबली भी बेचैन हो उठा है। अब पेशी पर गुजरात से यूपी लाये जाने पर बाहुबली को अपनी जान का खतरा लग रहा है, डर है कि कहीं रास्ते में ही हत्या न कर दी जाये। इसीलिए उन्होंने अपने वकीलों के जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमा सुनवाई की अर्जी दाखिल की है। बाहुबली सुप्रीम कोर्ट के 23 अप्रैल 2019 के आदेश से गुजरात के अहमदाबाद जेल में बंद है। लेकिन अपने जीवन को गंभीर खतरा बताया है। उसने अपने राजनीतिक विरोधियों और पुलिस के आला अधिकारियों पर ही अपनी हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने अर्जी में गुजरात के अहमदाबाद से प्रयागराज के बीच 1450 किलोमीटर की दूरी का हवाला देते हुए प्रयागराज के एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रहे मुकदमों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की मांग की है। इतना ही नहीं बाहुबली गुजरात की जेल में कई गम्भीर बीमारियों की चपेट में भी आ गया है। अर्जी में उसने कहा है कोर्ट के आदेश की आड़ में प्रार्थी की हत्या कर दी जाएगी। वह किडनी और रीढ़ की हड्डी की गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इसके साथ ही शुगर टाइप वन और हाई ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित है। इसी आधार पर उसे नैनी से अहमदाबाद हवाई सेवा से ट्रांसफर किया गया था। पूर्व सांसद अतीक अहमद ने आरोप लगाया है कि हाल में ही गुजरात जेल में प्रयागराज से उसका बयान लेने गए एक पुलिसकर्मी ने उसे ऐसी जानकारी दी है कि उसकी न्यायिक अभिरक्षा में तलब कर रास्ते में हत्या की साजिश रची जा रही है। अपनी अर्जी में कहा है कि इससे पूर्व न्यायिक अभिरक्षा में आवागमन के दौरान कई बंदियों की पहले भी हत्या हो चुकी है। 2019 में मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में विरोधियों से मिलकर पुलिस और एसटीएफ के हत्या कराने का भी अतीक अहमद की अर्जी में जिक्र है। अतीक ने अपने वकीलों के जरिए अर्जी देकर लंबित मुकदमों में कोर्ट में पेशी पर तलब न किए जाने का आदेश पारित करने की मांग की है। इसके साथ ही कोविड-19 के चलते भी गुजरात राज्य से समन न किए जाने की मांग अर्जी में की गई है। अतीक अहमद की अर्जी पर सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज डॉ. बालमुकुंद ने पांच पेज का आदेश पारित किया है। कोर्ट ने अतीक अहमद की पत्रावली साक्ष्य के लिए चार नवंबर को पेश करने का निर्देश देते हुए कहा है कि एमपी एमएलए कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा मौजूद नहीं है। इसके लिए स्पेशल जज एमपीएमएलए कोर्ट ने जिला जज से वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का भी अनुरोध किया है। एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने चार नवंबर को सुबह 10.30 बजे कोर्ट में गवाह कांस्टेबल महेश प्रसाद दीक्षित की दोबारा गवाही कराने का भी निर्देश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित-hindusthansamachar.in

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