बालिग के शादीशुदा जीवन में किसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहींं : हाईकोर्ट
बालिग के शादीशुदा जीवन में किसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहींं : हाईकोर्ट

बालिग के शादीशुदा जीवन में किसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहींं : हाईकोर्ट

लड़का-लड़की दोनों बालिग तो पाक्सो एक्ट में दर्ज एफआईआर से फर्क नहीं प्रयागराज, 09 सितम्बर (हि.स)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घर से भागकर शादी करने वाले बालिग जोड़े को पुलिस के उत्पीड़न से सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 2018 में पास्को एक्ट के तहत चल रहे मुकदमा कानून के तहत निर्णीत किया जाय। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि यदि लड़का लड़की दोनो बालिग हैं तो वे अपनी मर्जी से रह सकते है। माता-पिता सहित किसी को भी उनके शादीशुदा शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति डाक्टर के जे ठाकर ने कानपुर नगर की प्रिया वर्मा व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस समय दोनों बालिग है। एफआईआर दर्ज करते समय नाबालिग थे। इनके शादीशुदा जिंदगी में फर्क नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई याचियों को परेशान करे तो वे पुलिस से संरक्षण मांगे और पुलिस उनको संरक्षण दे। कोर्ट ने कहा कि यदि परिवार के लोगों को लगता है कि फर्जी दस्तावेज से आदेश लिया गया है तो वे इस आदेश की वापसी की अर्जी दे सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in

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