बलिया के जन नायक चन्द्रशेखर विवि में खुलेगा मेडिकल कॉलेज : उपेन्द्र तिवारी
बलिया के जन नायक चन्द्रशेखर विवि में खुलेगा मेडिकल कॉलेज : उपेन्द्र तिवारी

बलिया के जन नायक चन्द्रशेखर विवि में खुलेगा मेडिकल कॉलेज : उपेन्द्र तिवारी

- जन नायक चन्द्रशेखर विवि के पांचवें स्थापना दिवस का शुभारम्भ बलिया, 20 दिसम्बर (हि.स.)। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के पांचवें स्थापना दिवस का शुभारंभ रविवार को हुआ। परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत बतौर मुख्य अतिथि खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने किया। उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि मुझे बलिया की धरती पर पैदा होने का गर्व है। अगर आप इस विश्वविद्यालय की सेवा करने का मौका दिया तो मैं शिकायत का मौका नहीं दूंगा। आने वाले दिनों में यहां मेडिकल कॉलेज खुलेगा, जिसके लिए प्रयास किया जा रहा है। यदि खेल के क्षेत्र में कुछ करने का मौका मिला, तो उसे पूरा करने का प्रयास करूंगा। सारस्वत अतिथि हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल उत्तराखंड के पूर्व कुलपति प्रो. लल्लन सिंह ने कहा कि शोध के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करना होगा। पाठ्यक्रम में बदलाव लाना होगा। साथ ही नवाचार को लाना होगा और उद्योगों से जुड़ना होगा। कहा कि इस विश्वविद्यालय को यूजीसी से 12 बी की मान्यता दिलाने के लिए मैंने यूजीसी अध्यक्ष से बात की है और शीघ्र ही विश्वविद्यालय को यह मान्यता प्राप्त हो जाएगी। कार्यक्रम में विश्विद्यालय की वार्षिक सांस्कृतिक प्रतियोगिता 'सृजन 2020' के शास्त्रीय गायन, मूक अभिनय, उपशास्त्रीय गायन, काव्य पाठ, तबला वादन, शास्त्रीय एकल नृत्य आदि प्रतियोगिताओं के विजेताओं ने अपनी प्रस्तुति से सभी दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान नाटक 'चरण दास चोर' के मंचन में मुकेश ने अपने जीवंत अभिनय से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके पहले अतिथियों का स्वागत डा. जैनेन्द्र पाण्डेय ने किया। विवि के कुलगीत की प्रस्तुति अरविन्द उपाध्याय एवं सहयोगियों ने दी। इस अवसर पर डॉ. दिलीप श्रीवास्तव, डॉ.. अरविंद नेत्र पाण्डेय, डॉ. निवेदिता श्रीवास्तव, डॉ. अशोक कुमार सिंह डॉ. साहेब दुबे, डॉ. अखिलेश राय, डॉ. प्रतिभा त्रिपाठी, डॉ. अजय पाण्डेय, ने किया। पूर्वांचल के विकास में होगा जेएनसीयू योगदान स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने कहा कि मेरा लालन-पालन बलिया में हुआ है और मैं यहां के ऋण से उऋण होने के लिए इस विश्वविद्यालय में आई हूं। यह विश्वविद्यालय पूर्वांचल के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करेगा। मैं इस विश्वविद्यालय को प्रदेश के टॉप 10 विश्वविद्यलयों में सम्मिलित कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज-hindusthansamachar.in

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