फोरलेन के विस्थापितों को पांच वर्ष के बाद भी नहीं मिली ठौर
फोरलेन के विस्थापितों को पांच वर्ष के बाद भी नहीं मिली ठौर

फोरलेन के विस्थापितों को पांच वर्ष के बाद भी नहीं मिली ठौर

40 में 21 को प्लाट दे ठंड पड़ा तहसील प्रशासन बार-बार दुहाई देने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई मीरजापुर, 31 अगस्त (हि.स.)। वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग के विस्तारीकरण के विस्थापितों को पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया। हालत यह है कि विस्थापन का दर्द लिए महिलाएं, बच्चे व मुफलिसी में बसर करने को अभिषप्त है। अदलहट बाजार पथरौरा से भरुहिया तक सड़क के किनारे बने मकानों को चमचमाती फोरलेन की सड़क बनाने के लिए बेरहमी से तोड़ दिया गया। बेघर हुए 40 लोगों में केवल 21 लोंगो को जिला प्रशासन की ओर से आवासी भूमि का पट्टा राजमार्ग के किनारे ग्रामसभा पथरौरा में दिया गया। तब कल्पना की गई थी कि पथरौरा में आवासी कालोनी विकसित कर विस्थापितों को बसाया जाएगा। लगातार मांग उठीं। चिंगारी को शांत करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से तत्कालीन एसडीएम डा. विश्राम सिंह ने 21 लोगों को पट्टा दिया। उजड़े लोगों में घर बसने की उम्मीद जगी लेकिन जैसे ही लोग शांत हुए तहसील प्रशासन ने भी सारे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। पांच वर्ष में बहुत कुछ बदल गया लेकिन अगर कुछ बदला नहीं तो विस्थापितों की आस। आरोप है कि तहसील प्रशासन से लगातार मांग के बावजूद कोई ध्यान देने को तैयार ही नहीं है। अब वे अपनी फरियाद करें तो किससे करें ? नहीं बना रास्ता और नाली राजमार्ग से लगभग सौ मीटर की दूरी पर दी बसाए जाने वाली कालोनी में जाने के लिए न तो रास्ता बना और न हीं नाली की निर्माण कराया गया। कालोनी के नाम पर जिन 21 लोगों का आवंटन किया भी गया उनकी परेशानी और बढ़ गई है। घरों के नाली का पानी बाहर बह रहा है। गंदगी का ढेर लगा हुआ है। कबाड़ी का सामान फैला हुआ है। जलजमाव के साथ ही दो फीट पानी भी लगा हुआ है। सरकारी शौचालय, आवास की दरकार पथरौरा गांव में बसे विस्थापितों को सरकारी योजना के तहत सरकारी आवास व शौचालय तक आवंटित नहीं किया गया। वर्षों से इंतजार कर रहे विस्थापितों ने नरायनपुर ब्लाक के अधिकारियों पर ठिकरा फोड़ा। शोपीस बना विद्युत पोल विस्थापितों को आवंटित की गई कालोनी में लगा विद्युत पोल शोपीस बनकर रह गया है। पोल पर तार तो दौड़ा दिए गए हैं लेकिन बिजली की सप्लाई नहीं दी गई। हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/राजेश-hindusthansamachar.in

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