प्रदूषण रोकने को किसानों से पराली खरीदेगी प्रदेश सरकार
प्रदूषण रोकने को किसानों से पराली खरीदेगी प्रदेश सरकार

प्रदूषण रोकने को किसानों से पराली खरीदेगी प्रदेश सरकार

हापुड़, 12 नवम्बर (हि.स.)। प्रतिबंध के बाद भी पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक पा रही है। ऐसे प्रदेश सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए किसानों से पराली खरीदने का फैसला किया है। पशुपालन विभाग के माध्यम से इस पराली को खरीदा जाएगा और इसका उपयोग गौशालाओं में पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग किया जाएगा। प्रदेश सरकार किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए लगातार प्रेरित कर रही है। इसके बाद भी पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही है। इसके समाधान के लिए अब प्रदेश सरकार ने किसानों से पराली खरीदने का निर्णय लिया है। जिला कृषि अधिकारी शिवकुमार ने बताया कि शासन ने पशुपालन विभाग के माध्यम से किसानों से पराली खरीदने के निर्देश दिए हैं। खरीद के बाद पशुपालन विभाग पराली को खेतों से उठाकर गौशालाओं तक पहुंचाएगा। वहां पर पराली का चारे के रूप में उपयोग किया जाएगा। किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित दर से भुगतान कर दिया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग और पशुपालन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके बाद किसानों को पराली का निस्तारण करने की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि पूसा इन्स्टीट्यूट से डीकम्पोजर खरीद कर भी किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यह डीकम्पोजर पराली को एक सप्ताह में गला कर खाद बना देता है। जनपद में डीकम्पोजर के कुल दस हजार पैकेट मंगाए गए हैं। इन्हें किसानों को वितरित किया जा रहा है। डीकम्पोजर का घोल बनाकर पराली को खेत में फैला कर उसके ऊपर छिड़क दिया जाता है। एक पैकेट से लगभग 200 लीटर घोल तैयार हो जाता है। इसके बाद लगभग एक सप्ताह में पराली गलकर खाद बन जाती है और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती है। किसानों को डीकम्पोजर का पराली पर छिड़काव करते समय 200 लीटर घोल में से लगभग 50 लीटर घोल बचा लेना चाहिए। इस 50 लीटर घोल में पानी मिलाकर दोबारा 200 लीटर घोल बनाया जा सकता है। इस घोल को कई बार प्रयोग किया जा सकता है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान खुद भी पराली को काटकर खेतों में मिला सकते हैं। ये कृषि यंत्र महंगे होने के कारण किसान इन्हें खरीद नहीं पाते हैं। इसलिए गन्ना व सहकारी समितियों के माध्यम से किराए पर किसानों को ये यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/विनम्र व्रत त्यागी-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in