पांचवें दिन भी बंद रही गल्ला मण्डी, किसान और पल्लेदार परेशान
पांचवें दिन भी बंद रही गल्ला मण्डी, किसान और पल्लेदार परेशान

पांचवें दिन भी बंद रही गल्ला मण्डी, किसान और पल्लेदार परेशान

जालौन, 25 सितंबर (हि.स.)। केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा मंडी शुल्क में दोहरी नीति के विरोध में आज शुक्रवार को जिला मुख्यालय की गल्ला मण्डी पांचवें दिन भी बंद रही और गल्ला ब्यापारी गेट के पास धरने पर डटे रहे। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर 21 सितंबर से मंडी बंद चल रही हैं। मंडी में खरीद फरोख्त न होने से करोड़ रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। किसान अपना माल बेचने को लेकर एवं पल्लेदार काम न मिलने से परेशान है। धरने पर बैठे गल्ला ब्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने मंडी के बाहर अनाज की खरीद फरोख्त करने पर मंडी शुल्क माफ कर दिया है। जबकि मंडी के अंदर खरीद फरोख्त करने को लेकर ढाई फीसदी मंडी शुल्क लिया जा रहा है। गल्ला मंडी के व्यापारियों का कहना है कि यदि शुल्क समाप्त करना ही है तो सभी का किया जाए अथवा सभी से मंडी शुल्क वसूला जाए। बाहर मंडी शुल्क न लगने से उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है। मंडी में किसी भी प्रकार की खरीद फरोख्त नहीं की जा रही है। व्यापार न होने से मंडी परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है। आज पांचवें दिन धरने पर प्रमुख रूप से बैठे अरविंद पटैरिया, देवेन्द्र कुमार बीजापुर, रविन्द्र करमेर, आशीष जैसारी, सुधीर गुप्ता, केदार भरद्धाज, उदय सिंह टिमरों, राकेश गिरथान, देवीदीन राजपूत, कालूराम राजपूत, शिवराम ममना, विजय पाल, अशोक कुदारी, संतोष कक्का, देवीदीन बापू, राजकुमार तिवारी आदि ब्यापारी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/मोहित-hindusthansamachar.in

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