पांच हजार गर्भ में मारी गयी अजन्मी बेटियों का काशी में हुआ श्राद्ध
पांच हजार गर्भ में मारी गयी अजन्मी बेटियों का काशी में हुआ श्राद्ध

पांच हजार गर्भ में मारी गयी अजन्मी बेटियों का काशी में हुआ श्राद्ध

मोक्ष की कामना के साथ पुष्पाजंलि भी अर्पित, सामाजिक कुप्रथा दूर करने का दिया गया संदेश वाराणसी, 11 सितम्बर (हि.स.)। पितृ पक्ष के मातृ नवमी तिथि शुक्रवार को दशाश्वमेध घाट पर गर्भ में मारी गयी पांच हजार अजन्मी बेटियों का विधि विधान से श्राद्ध कर उनके मोक्ष की कामना की गई। सामाजिक संंस्था आगमन की पहल पर आचार्य पण्डित दिनेश शंकर दुबे के आचार्यत्व में पांच ब्राह्मणों ने ये अनुष्ठान कराया। संस्था के संस्थापक सचिव डॉ. संतोष ओझा ने बताया कि लगातार छह वर्षों से उन अजन्मी बेटियों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध का आयोजन करते आ रहे हैं, जिन्हें उन्ही के माता पिता ने जन्म से पहले ही कोख में मार दिया। इन्ही अभागी बेटियों को संस्था के इस अनूठे आयोजन 'आखिरी प्रणाम' के जरिये मोक्ष का अधिकार मिला। उन्होंने बताया कि संस्था ने अब तक कुल 31,500 बेटियों का श्राद्ध कर सनातन परम्परा के अनुसार उन्हें मोक्ष दिलाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गर्भपात महज एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि हत्या है। ऐसे में कोख में मारी गई उन बेटियों को भी मोक्ष मिले और समाज से ये कुरीति दूर हो इसके लिए हम लोग ये आयोजन करते हैं। उन्होंने बताया कि श्राद्ध के बाद इन बेटियों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय-hindusthansamachar.in

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