परम सत्य ही परमात्मा है: स्वामी अड़गड़ानंद
परम सत्य ही परमात्मा है: स्वामी अड़गड़ानंद

परम सत्य ही परमात्मा है: स्वामी अड़गड़ानंद

मीरजापुर, 30 अक्टूबर (हि.स.)। अस्वस्थ होने के कारण 13 सितंबर को फरीदाबाद आश्रम में गए स्वामी अड़गड़ानंद महाराज शुक्रवार की शाम चार बजे परमहंस आश्रम शक्तेषगढ़ पहुंचे। स्वामीजी का हेलीकप्टर पहुंचते ही सारा आश्रमपटाखों एवं जयकारे की ध्वनी से गुंजायमान हो उठा। आश्रम पहुंचते ही भक्तों को आशीर्वचन देते हुए स्वामीजी ने कहा कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। आप सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें एवं मास्क लगाकर ही कहीं जाए। स्वामी जी ने कहा कि सभी जगह सेवा की जरूरत है। परम सत्य ही परमात्मा है। भगवान शंकर का व्याख्या करते हुए कहा कि दो भक्त थे और दोनों ही भक्ति में लीन थे। भगवान शंकर ने प्रकट होकर कहा कि आप दोनों वरदान मांग लो। लेकिन एक साथी मांगेगा तो उसका दूना दूसरे साथी को फायदा होगा। इस संदर्भ पर विचार करते हुए भक्तों के मन में द्वेष की भावना जाग उठी और वरदान ना समझ कर श्राप मांगने की कोशिश करने लगे। इस पर भगवान शंकर ने कहा कि मूर्ख हमने तो वरदान देने की बात कही है। तुम तो श्राप मांग रहे हो। इसलिए प्रेम रुपी परमात्मा को जानो। सत्य के रास्ते पर चलने का प्रयास करो। भगवान को प्राप्त करने के लिए एकमात्र गीता का ज्ञान ही ऐसी मुख्य है। जो सही रास्ते पर चलने का सीख देता है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर-hindusthansamachar.in

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