नेशनल काउंसिल आॅफ सोशल वर्क एजुकेशन एण्ड प्रैक्टिस बिल 2020 पर  की गई चर्चा
नेशनल काउंसिल आॅफ सोशल वर्क एजुकेशन एण्ड प्रैक्टिस बिल 2020 पर की गई चर्चा

नेशनल काउंसिल आॅफ सोशल वर्क एजुकेशन एण्ड प्रैक्टिस बिल 2020 पर की गई चर्चा

बुन्देलखण्ड प्रोफेशनल सोशल वर्कस एसोशिएसन द्वारा बेबिनार का हुआ आयोजन झांसी, 21 नवम्बर(हि.स.)। समाज कार्य शिक्षा विश्व के 120 देशों में संचालित है। भारत में भी समाज कार्य शिक्षा को प्रारम्भ हुए 84 वर्ष हो गए हैं, ऐसे में भारत सरकार द्वारा नेशनल काउंसिल आॅफ सोशल वर्क एजुकेशन एण्ड प्रैक्टिस बिल 2020 लागू किया जाना चाहिए, जिससे न केवल देश भर के समाज कार्य विद्यार्थियों एवं अभ्यासकर्ताओं को लाभ होगा, बल्कि समाज का हर क्षेत्र भी इससे लाभान्वित होगा। उपरोक्त विचार नवगठित बुन्देलखण्ड प्रोफेशनल सोशल वर्कस एसोशिएसन द्वारा आयोजित बेबिनार में नेशनल एसोशिएसन आॅफ प्रोफेशनल सोशल वर्कस इन इण्डिया, नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष प्रो.संजय भट्ट ने व्यक्त किए। प्रो. भट्ट ने कहा कि जिस प्रकार चिकित्सा क्षेत्र में इण्डियन मेडिकल एसोशिएसन, विधि क्षेत्र में बार काउंसिल आॅफ इण्डिया अपने अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों एवं प्रेक्टिशनर को मान्यता प्रदान करते हैं, उसी प्रकार नेशनल काउंसिल आॅफ सोशल वर्क एजुकेशन एण्ड प्रैक्टिस बिल 2020 के लागू होने से समाज कार्य शिक्षा, व्यवसाय, अभ्यास को भी विधिक मान्यता प्राप्त होगी। सोशल वर्क एजुकेशन एण्ड प्रैक्टिस बिल पर चर्चा करते हुए बुन्देलखण्ड प्रोफेशनल सोशल वर्कस एसोशिएसन के अध्यक्ष व महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के समाज कार्य विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. अजय चैरे ने कहा कि सामाजिक समस्याओं के निदान, वैयक्तिक, पारिवारिक, सामाजिक सामंजस्य में समाज कार्य की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। समाज कार्य शिक्षा में पारंगत कार्यकर्ता प्रबन्धन, महिला एवं बाल कल्याण, ग्रामीण विकास, चिकित्सा-मनोचिकित्सा, सुधारात्मक एवं पुर्नवास सेवायें आदि प्रदान करता है। बेबिनार को सम्बोधित करते हुए प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय प्रयागराज के समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विवेक कुमार सिंह ने कहा कि समाज कार्य व्यवसाय को अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर मान्यता प्राप्त है। समाज का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां सामाजिक कार्यकर्ताआंे एवं सामाजिक कल्याण संस्थाओं की आवश्यकता महसूस न की जाती हो। बेबिनार को सम्बोधित करते हुए बुन्देलखण्ड क्षेत्र की अग्रणी संस्था परमार्थ समाजसेवी संस्थान के सचिव व जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक डा. संजय सिंह ने बिल को समर्थन देते हुए कहा कि बिल को कानूनी रुप दिए जाने से सामाजिक संस्थाओं में व्यवसायिक समाज कार्यकर्ताओं को महत्व मिलेगा तथा कल्याणकारी कार्यों को और अधिक दक्षता एवं कुशलता से किया जायेगा। उन्होनें कहा कि भारत सरकार द्वारा नेशनल काउंसिल आॅफ सोशल वर्क एजुकेशन एण्ड प्रैक्टिस बिल 2020 को संसद में कानूनी मान्यता प्रदान किया जाना समाज कार्य क्षेत्र की अभूतपूर्व घटना होगी। बुन्देलखण्ड प्रोफेशनल सोशल वर्कस एसोशिएसन के सचिव डा. मुहम्मद नईम ने कहा कि समाज कार्य बिल को कानूनी मान्यता मिलने से समाज कार्य को लेकर, राज- समाज और प्रशासन के मन में जो भ्रान्तियां हैं, वो भी समाप्त होंगी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय समाज कार्य विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. यतीन्द्र मिश्रा, समन्वयक डा. अनूप कुमार, शोधार्थी पवन कुमार, मीरा देवी, मो. नदीम, वैभव राघव आदि ने चर्चा में भाग लिया तथा सोशल वर्क बिल को भारत सरकार द्वारा कानूनी रुप से संसद में पारित किए जाने की मांग की। इस अवसर बुन्देलखण्ड प्रोफेशनल सोशल वर्कस एसोशिएसन की कार्यकारिणी की घोषणा भी की गई। जिसमें संरक्षक प्रो. संजय भट्ट, प्रो. नूर मुहम्मद, प्रो. एन.एन.अवस्थी, अध्यक्ष डाॅ. अजय चैरे, उपाध्यक्ष डाॅ. संजय सिंह, सचिव डाॅ. मुहम्मद नईम, कोषाध्यक्ष सुनील कुमार, संजय गौतम, बेबी सबीना, कुलदीप बौद्ध, देवेन्द्र गांधी सहित बुन्देलखण्ड परिक्षेत्र के समस्त विश्वविद्यालयों के विभागाध्यक्ष/समन्वयकों को पदेन सदस्य के रुप में आमंत्रित किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित-hindusthansamachar.in

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