दीदी के झोले में चलता फिरता पुस्तकालय, बहा रहीं ज्ञान की गंगा
दीदी के झोले में चलता फिरता पुस्तकालय, बहा रहीं ज्ञान की गंगा

दीदी के झोले में चलता फिरता पुस्तकालय, बहा रहीं ज्ञान की गंगा

लोगों की सोच बदलने को भागीरथ प्रयास कर रहीं दो सहेलियां मीरजापुर, 03 नवम्बर (हि.स.)। नगर के महुवरिया एवं बरियाघाट मोहल्ले की रहने वाली दो सहेलियों शिखा मिश्रा व पूर्णिमा सिंह ने कोविड 19 महामारी के दौर में पढ़ाई बंद होने पर बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया। झोले में किताबों को भरकर चलता फिरता पुस्तकालय लेकर दोनों सहेलियां ज्ञान की गंगा बहाने के लिए भागीरथ प्रयास पर निकल पड़ी। दोनों सहेलियां बच्चों की मांग के अनुसार नियमित किताबें झोले में भरकर लाती हैं और पढ़ने के लिए देती हैं। वर्तमान समय में दोनों सहेलियां लगभग 15 जरूरतमंद बच्चों को नियमित रूप से निःशुल्क पढ़ा भी रही हैं। पढ़ाई के साथ ही बच्चों को पेज व पेंसिल देकर उनके विचार को भी कलमबद्ध करती हैं। उनकी लालसा है कि मीरजापुर जनपद को और अधिक बेहतर बनाने के लिए अच्छे कार्य किए जाए। पूर्णिमा और शिखा का कहना हैं सब सरकार नहीं कर सकती, हमारी भी नैतिक जिम्मेदारी है। हम अपने शहर को और अच्छा बनाने के लिए कुछ अलग करें। कक्षा के दौरान दोनों सहेलियों द्वारा विषयों को बारीकी से पढ़ाया जाता है। आपदा ने बदली सोच कोरोना संक्रमण के चलते गैर प्रांतों में रहकर पढ़ने वाले होनहारों को घर लौटना पड़ा। ऐसे में कुछ तो घर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं तो शिखा मिश्रा व पूर्णिमा सिंह ने आपदा को अवसर में बदलते हुए बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया, जो आज दूसरों के लिए मिसाल बन रहा है। आत्मरक्षा का हुनर सीख रहीं बालिकाएं कक्षा के साथ ही साथ लड़कियों को आत्मरक्षा का हुनर भी सिखा रही हैं। शिखा मिश्रा ने बताया कि बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा की कला सीखना बहुत जरूरी है, जिससे विपत्ति के समय काम आए। फिट रहने को मनोयोग से सीख रहे योग बरियाघाट में चलने वाले कक्षा में पढ़ाई के साथ साथ रोचक भी बनाया जाता है। पूर्णिमा सिंह व शिखा मिश्रा द्वारा पढ़ने वाले बच्चों को फिट रहने का भी हुनर सिखाया जाता है। इनके द्वारा बच्चों को बीच बीच में योगा के साथ ही पी.टी भी कराया जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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