तनाव भरी ड्यूटी में इंस्पेक्टर ने लिखा 'आज बन्दूक है हाथों में, पर दिवाली पर हम घर नहीं होते'

तनाव भरी ड्यूटी में इंस्पेक्टर ने लिखा 'आज बन्दूक है हाथों में, पर दिवाली पर हम घर नहीं होते'
तनाव भरी ड्यूटी में इंस्पेक्टर ने लिखा 'आज बन्दूक है हाथों में, पर दिवाली पर हम घर नहीं होते'

बागपत, 16 नवम्बर(हि.स.)। वर्दी की ड्यूटी के बीच पुलिसकर्मी हो या सेना के जवान अक्सर त्यौहारों पर अपने परिवार को याद करते हैं। यह दर्द हर खाकी वर्दी वाले में अक्सर देखने को मिलता है। होली का त्यौहार हो या दीपावली या राखी अपनों के बीच न रह पाने से अक्सर ये जवान तनाव में रहते हैं। ड्यूटी के बीच तनाव और अपनों को यादकर एक इंस्पेक्टर ने अपने दिल की बात फेसबुक पर साझा की है। जिसको पढ़कर आप भी भाव विभोर हो जाएंगे। इंस्पेक्टर ने फेसबुक पर जो शब्द साझा किए भले ही उन शब्दों की संख्या कम हो लेकिन उनकी भावुकता और परिवार के लिए तड़पते उस इंसान की तड़प को बयां करने को काफी है। योगी आदियनाथ कर चुके सम्मानित इंस्पेक्टर अजय शर्मा बागपत जनपद की बड़ौत कोतवाली इंचार्ज हैं, क्राइम कंट्रोल में माहिर इस इंस्पेक्टर का खौफ बदमाशों में छाया रहता है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस इंस्पेक्टर को सम्मानित कर चुके हैं। लेकिन बदमाशों में खोफ पैदा करने वाले अजय शर्मा का दिल भी उस बच्चे की तरह है जो त्यौंहार पर अपनी खुशियों से परिवार को आनंदमय कर देता है... आज दीपावली के त्यौहार पर दूसरों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी निभाते-निभाते इस इंस्पेक्टर का दिल भर आया... तनाव भरी ड्यूटी के बीच जब दिल की बात किसी से न कह सके तो इस्पेक्टर ने फेसबुक पर चार पंक्तियां लिखकर अपने दिल में परिवार को याद कर उमड़ रही तरंगों को कुछ शब्दों में बयां करते हुए लिखा ''जब आती थी दीवाली, तो बन्दूक के लिए थे रोते। आज बन्दूक है हाथों में, पर दिवाली पर हम घर नहीं होते।' यह दर्द केवल इंस्पेक्टर अजय शर्मा का ही नहीं है यह दर्द हर उस सरकारी कर्मचारी का है जो देश के सबसे बड़े त्यौहार पर भी अपनी पर मुस्तैदी से खड़े हैं। लेकिन परिवार का दर्द क्या है यह उनसे बेहतर कौन बता सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/सचिन त्यागी/राजेश-hindusthansamachar.in

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