डीआईजी अरविन्द सेन ने निलम्बन के बाद किये तबादले, जांच की मांग
लखनऊ, 08 अक्टूबर (हि.स.)। एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने निलम्बित डीआईजी अरविन्द सेन द्वारा किये गए मनमाने तथा विधि विरुद्ध तबादलों की जांच की मांग की है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी तथा पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी को भेजे पत्र में नूतन ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड महामारी के मद्देनजर 12 मई के शासनादेश द्वारा स्थानान्तरण वर्ष 2020-21 के लिए सभी प्रकार के तबादलों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी अरविन्द सेन ने डीआईजी पीएसी आगरा सेक्टर के रूप में 04 जून 2020 को 01 इंस्पेक्टर तथा 01 दलनायक सहित कुल 09 पीएसी कर्मियों का तबादला किया, जो पूरी तरह गैरकानूनी था। शासन ने 02 जुलाई 2020 के शासनादेश द्वारा पुलिस विभाग में तबादलों के लिए विशेष व्यवस्था की, जिसके अनुसार दरोगा और उसके नीचे के कर्मियों का तबादला एडीजी स्थापना की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ही की जा सकती थी। इसी बीच शासन ने उन्हें 22 अगस्त को पशुपालन घोटाले में निलम्बित कर दिया। लेकिन, निलम्बन के बाद भी उन्होंने 02 जुलाई के शासनादेश का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए 24 अगस्त को अपने स्तर से ही 11 पीएसी कर्मियों के तबादले किये। नूतन के अनुसार एक निलम्बित अफसर द्वारा शासनादेश के उल्लंघन में इस तरह तबादले करना अत्यंत गंभीर मामला है। इसलिए उन्होंने पुलिस महानिदेशक से इन तबादलों की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए कार्रवाई किये जाने की मांग की है. हिन्दुस्थान समाचार/संजय / रामानुज-hindusthansamachar.in