डिग्री कालेजों में खाली पदों की भर्ती निकालने की मांग में दाखिल याचिका खारिज
डिग्री कालेजों में खाली पदों की भर्ती निकालने की मांग में दाखिल याचिका खारिज

डिग्री कालेजों में खाली पदों की भर्ती निकालने की मांग में दाखिल याचिका खारिज

योग्यता होने से चयनित व नियुक्त होने का किसी को विधिक अधिकार नहीं : हाईकोर्ट प्रयागराज, 15 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजकीय सहायता प्राप्त डिग्री कालेजों में सहायक प्रोफेसर के लगभग खाली चार हजार पदों को भरने की मांग मे दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि योग्यता हासिल होने के आधार पर किसी को खाली पदों पर चयनित या नियुक्ति पाने का विधिक अधिकार नहीं मिल जाता है। यह नियोजक पर है कि वह खाली पदों को भरे अथवा नहीं। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने सौरभ कुमार सिंह व आठ अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सत्येन्द्र त्रिपाठी व विपक्ष में स्थायी अधिवक्ता व आयोग की तरफ से अधिवक्ताओ ने बहस की। याची अधिवक्ता का कहना था कि यूपी के डिग्री कालेजों में पिछले पांच साल से सहायक प्रोफेसर की भर्ती नहीं निकाली गई है। चार हजार पद खाली पड़े हैं। याचीगण पीएचडी व राष्ट्रीय दक्षता परीक्षा पास है। सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित होने की अर्हता रखते हैं। आयोग को हर साल भर्ती निकालने और खाली पदों को भरने का निर्देश दिया जाय। कोर्ट ने कहा कि याचियों को ऐसी मांग करने का विधिक अधिकार नहीं है। सरकार को प्रशासनिक, आर्थिक या नीतियों के चलते पदों को भरने या न भरने का अधिकार है। सरकार चाहे तो पद समाप्त या पद संख्या घटा सकती है या खाली पदों को भर सकती है। तब तक इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है जब तक सरकार का फैसला दुर्भावना पूर्ण हो या विवेकाधिकार का प्रयोग न किया गया हो या अन्य कारणों से प्रभावित होकर कार्य न किया जा रहा हो। कोर्ट ने कहा है कि सरकार के पास खाली पदों को भरने का पूरा मैकेनिज्म है। याची ऐसा कानून बताने में विफल रहा है जिसके तहत कोर्ट सरकार या आयोग को खाली पदों को भरने का निर्देश दे सके। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/संजय-hindusthansamachar.in

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