ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में जानी जाएगी वर्तमान सदी : योगी आदित्यनाथ
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में जानी जाएगी वर्तमान सदी : योगी आदित्यनाथ

ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में जानी जाएगी वर्तमान सदी : योगी आदित्यनाथ

-कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन पर आधारित -राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने डॉ.शकुंतला मिश्रा विवि के दीक्षान्त समारोह में की शिरकत -125 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण, अटल प्रतिमा का किया उद्घाटन लखनऊ, 14 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान सदी ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की सदी के रूप में जानी जाएगी। इस सदी में परम्परागत ज्ञान, इनोवेशन और स्टार्टअप की शक्ति जैसे अहम बाते हैं। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और उसकी वर्तमान परिदृश्य में आवश्यकता को भी बेहद महत्वपूर्ण बताया। अटल जी की कविताओं पर आधारित वीथिका का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने सोमवार को डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि के सातवें दीक्षांत समारोह को राज्यपाल व कुलाधिपति आन्दीबेन पटेल की मौजूदगी में सम्बोधित करते हुए यह बात कही। इस मौके पर दिव्यांगजनों को 125 करोड़ की योजनाओं का उपहार दिया गया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा के अनावरण साथ ही उनकी कविताओं पर आधारित वीथिका का उद्घाटन और डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि की स्मृति में डाक टिकट जारी किया गया। कॉलेज फॉर डेफ,नि:शक्तजनों के लिए विशिष्ट स्टेडियम, कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र, समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय और विश्वविद्यालय परिसर में डाकघर की सौगात दी गई। दिव्यांग शब्द देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबके अन्दर एक दिव्य शक्ति है, जिस दिव्य शक्ति का एहसास इस समाज को होना चाहिए और जब भी उचित अवसर किसी ऐसे व्यक्ति को प्राप्त हुआ, उसने अपनी दिव्य शक्ति का लोक कल्याण, राष्ट्रीय कल्याण के लिए पूरा अवसर हमें दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विकलांग शब्द के स्थान पर दिव्यांग शब्द देने और इसके माध्यम से दिव्यांगजनों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए हृदय से आभार है। कोरोना संक्रमण काल में 10.68 लाख दिव्यांगजनों को एकमुश्त दी पेंशन उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड के दौरान हम दुनिया की सबसे बड़ी आपदा से जूझ रहे थे। उस दौरान एक बात यह भी आई थी कि आखिर अलग-अलग तबके के लिए शासन के कार्यक्रम चल रहे तो दिव्यांगजनों के लिए क्या होगा। उन्होंने कहा कि तब एक साथ लगभग 10.68 लाख दिव्यांगजनों को शासन ने एकमुश्त पेंशन देने के अलावा कोरोना कालखंड के दौरान 1000 रुपये की धनराशि उनके बैंक खाते में भेजी। दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए शासकीय सेवाओं में कैटेगरी को बढ़ाया मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए शासकीय सेवाओं में जो पहले उनकी कैटेगरी कम थी उसे बढ़ाने का प्रयास भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। इसके साथ ही आज जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति आ रही है, यह नीति स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमारी जो वर्तमान सदी चल रही है, इस सदी के जो सबसे बड़ी बात है कि यह सदी ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की सदी के रूप में जानी जाएगी। इस सदी में कुछ बातें परम्परागत ज्ञान, परम्परागत ज्ञान में जो इनोवेशन है और देश के अन्दर इस स्टार्टअप की शक्ति को जानना बेहद अहम होगा। शैक्षणिक संस्थान नई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर स्वयं को करें तैयार मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग अक्सर देखते थे कि किसी एक पक्ष को लेकर कोई छात्र जाता था और अपने फाइनल ईयर में उसे प्रोजेक्ट का कार्य दिया जाता था। लेकिन, वह प्रोजेक्ट उसके आगे भावी जीवन में किस रूप में उपयोगी बन सकता है, इसको जोड़ने का कभी प्रयास नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन तीनों के बीच में बेहतर समन्वय बनाया गया है। इसके माध्यम से अपने जीवन को, समाज को और फिर देश को आत्मनिर्भरता की ओर स्वाबलम्बन की ओर अग्रसर करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए हमारे जितने भी शैक्षणिक संस्थान हैं, उनको अपने आपको तैयार करना होगा। मेधावियों को दिए गए मेडल कार्यक्रम में राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने सभी मेधावियों को शुभकामनाएं देकर उनका उत्साहवर्धन किया। वहीं छात्रों की तुलना में छात्राओं के अधिक मेडल हासिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। राजनीति विज्ञान में सर्वाधित अंक पाने वाली शिवांगी कश्यप को मुलायम सिंह यादव गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। एमए हिंदी में सर्वाधिक अंक पाने वाली मेधावी मानसी यादव को आलोक तोमर गोल्ड मेडल और दृष्टिबाधित सुमित्रा को स्नातक में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाली सुमित्रा को डॉ. शकुंतला मिश्रा स्मृति गोल्ड मेडल मिला। दिव्यांग शिवा मिश्रा को रोहित मित्तल रोहित मित्तल स्मृति गोल्ड मेडल मिलेगा। आयुषी पाण्डेय को संस्कृति गोल्ड मेडल मिला। आयुषी ने बीएड विशेष शिक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल किया है। बीटेक के छात्र रोहित श्रीवास्तव को सर्वश्रेष्ठ छात्र का चांसलर मिला। आदित्य कुमार रावत को कुलाधिपति सिल्वर मेडल, मुख्यमंत्री सिल्वर और कुलपति गोल्ड मेडल दिया गया। रोहित श्रीवास्तव को कुलाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, कुलपति मेडल सहित कुल तीन गोल्ड मेडल दिए गए। बीटेक (ई.ई.) के आदित्य कुमार रावत को कुलाध्यक्ष सिल्वर मेडल, मुख्यमंत्री सिल्वर और कुलपति गोल्ड मेडल दिया गया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/दीपक-hindusthansamachar.in

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