जीवन का सार है 'श्री:सुमंगलम्' : डॉ दिनेश
जीवन का सार है 'श्री:सुमंगलम्' : डॉ दिनेश

जीवन का सार है 'श्री:सुमंगलम्' : डॉ दिनेश

प्रयागराज, 08 नवम्बर (हि.स.)। भारत के गांवों और शहरों में तथा मानव जीवन में सुमंगलम् की कार्यपद्धति को लागू कर दिया जाए तो वह विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो जाएगा। जीवन का सार श्री:सुमंगलम् है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय ग्राम विकास प्रमुख डॉ. दिनेश ने रविवार को प्रयागराज की एकमात्र सेवा न्यास 'श्री: सुमंगलम्' के आठवें स्थापना दिवस पर मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किया। डॉ. दिनेश सुमंगलम् सेवा न्यास के आग्रह पर प्रयागराज आए थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति के धार्मिक परम्पराओं और महत्वों को मानव जीवन से जोड़ते हुए विश्व कल्याण की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य अपने जीवन में छोटी-छोटी बातों को लागू करें तो उसका जीवन सुखमय हो जाएगा। कार्यक्रम में मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने संस्था के लोगों के प्रयास की सराहना की। पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज कवीन्द्र प्रताप सिंह ने संस्था के कार्यों को देखकर 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' जैसे मंत्र को पढ़ते हुए कहा कि वास्तव में इस मंत्र का अर्थ आज समझ में आता है। कार्यक्रम को देखकर अभिभूत भाजपा के काशी और गोरक्ष संयुक्त संगठन मंत्री रत्नाकर ने भी मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री सुमंगलम् के कार्यों को काफी पहले से सुन रहा हूं लेकिन मेरे जीवन में आज यह सौभाग्य का दिन आया कि मैं इसकी माटी पर आज तिलक लगाने चला आया। कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीत और देशभक्ति नृत्य द्वारा उपस्थित दर्शकों को पूरे कार्यक्रम तक बांधे रखा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित श्री सुमंगलम् के न्यासी डॉ. बीबी अग्रवाल, अध्यक्ष डॉ.राधाकांत ओझा, संयोजक नागेन्द्र सिंह, सचिव अखिलेश यादव, पूर्व विधायक दीपक पटेल, प्रचारक चंद्रमोहन, पार्षद पवन श्रीवास्तव, पार्षद आशीष गुप्ता, दिलीप श्रीवास्तव, अजीत श्रीवास्तव आदि रहे। अंत में समापन अवसर पर परिसर के निदेशक अजीत बहादुर ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश-hindusthansamachar.in

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