जन्माष्टमी पर सज गये शहर के मंदिर, कन्हैया के दर्शन नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु
जन्माष्टमी पर सज गये शहर के मंदिर, कन्हैया के दर्शन नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु

जन्माष्टमी पर सज गये शहर के मंदिर, कन्हैया के दर्शन नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु

- परंपराओं का पालन कर मंदिरों में बिना श्रद्धालुओं के मनायी जाएगी जन्माष्टमी - अबकी बार नहीं चलेगा जेके मंदिर का सप्तरंगी फव्वारा कानपुर, 11 अगस्त (हि.स.)। कोरोना संक्रमण काल में सभी धर्मों के त्योहार फीके पड़ रहे हैं। ऐसे में हिन्दुआें का प्रमुख त्योहार जन्माष्टमी भी इससे अछूता नहीं है। अबकी बार भगवान कृष्ण से संबंधित सभी मंदिरों परंपराओं का पालन कर जन्माष्टमी तो मनायी जाएगी, पर श्रद्धालुओं का मंदिरों में प्रवेश वर्जित रहेगा। किसी भी मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला जाएगा और पुलिस की मौजूदगी में ही जन्माष्टमी मंदिरों में कुछ लोगों के बीच मनायी जाएगी। अबकी बार शहर के प्रमुख मंदिर जेके मंदिर का फव्वारा भी नहीं चलेगा और न ही मेला लगेगा। जेके मंदिर से सहित कृष्ण से संबंधित सभी मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है। कानपुर में कोरोना का सक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है और इसी को लेकर सभी धर्माचार्यों ने कोरोना संक्रमण काल में धार्मिक स्थलों को खोलने से परहेज कर रहे हैं। जिला प्रशासन भी धर्माचार्यों की सलाह पर धार्मिक स्थलों को बंद रखने का आदेश जारी कर रखा है। इस कोरोना काल में हिन्दुओं, मुस्लिमों और सिखों के भी त्योहार पड़े पर धार्मिक स्थल न खुलने से फीके रहे। ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी पर भी इस कोरोना काल का असर पड़ रहा है। जन्माष्टमी को लेकर घरों में तैयारियां तेजी पर चल रही हैं। वहीं, मंदिरों में इस बार सिर्फ परंपराओं का पालन किया जाएगा। कोरोना की वजह से मंदिरों के पट इस बार श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोले जाएंगे। गौरतलब हो कि जन्माष्टमी पर हर साल कौशलपुरी, कमलानगर, जेके मंदिर, गुमटी में मेला लगता है और सप्ताह भर तक लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण काल की वजह से सन्नाटा रहेगा। सतरंगी फव्वारा श्रद्धालुओं को खीच लाता था जेके मंदिर पाण्डु नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर (जेके मंदिर) में हर वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता था। इस मंदिर की लाइटिंग व्यवस्था श्रद्धालुओं के बीच चर्चा के केन्द रहा करती है। इसके साथ ही यहां का सप्तरंगी फव्वारा श्रद्धालुओं को अनायास खींच लाता था। पर अबकी बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व यहां पर परंपरागत रूप से मनाया जाएगा। जन्माष्टमी पर होने वाले अनुष्ठान तो होंगे लेकिन कन्हैया के दर्शन इस बार श्रद्धालुओं को नहीं होंगे। जन्माष्टमी पर मंदिर रोशनी से तो नहाएगा लेकिन यहां का आकर्षण रहने वाला सतरंगी फव्वारा इस बार नहीं चलेगा। इसी तरह कौशलपुरी स्थित रघुनाथ मंदिर में यही प्रक्रिया अपनायी जाएगी। विद्युत चलित झाकियों में कृष्ण लीलाओं के नहीं होंगे दर्शन कोरोना की वजह से इस बार सनातन धर्म मंदिर कौशलपुरी में भी विद्युत चालित झांकियों को नहीं सजाया गया है। यहां पर विद्युत चालित झांकियों में कृष्ण लीलाओं के दर्शन होते थे। यहां के प्रबंधन का कहना है कि सिर्फ परंपराओं का पालन किया जाएगा। कुछ इसी तरह की व्यवस्था इस बार इस्कॉन मंदिर, मैनावती मार्ग में भी देखी जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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