जन कवि धूमिल की मनाई गई जयंती, किया गया पौधरोपण
जन कवि धूमिल की मनाई गई जयंती, किया गया पौधरोपण

जन कवि धूमिल की मनाई गई जयंती, किया गया पौधरोपण

वाराणसी, 09 नवम्बर (हि.स.)। जनकवि सुदामा पांडेय धूमिल की 84वीं जयंती सोमवार को उनके पैतृक गांव खेवली में मनाई गई। गांव में जुटे साहित्यकारों ने जनकवि की पत्नी मूरत देवी के साथ चित्र पर मार्ल्यापण कर उनकी स्मृतियों को बनाये रखने के लिए पौधरोपण भी किया। इस दौरान साहित्यकार डॉ. राम सुधार सिंह ने कविताओं के जरिये जनकवि के व्यक्तित्व को बताया। साहित्यकार रामेश्वर त्रिपाठी ने कहा कि धूमिल उसी गवई भाषा, लोकोक्ति और मुहावरों के कवि थे। उनकी कविताएं गांव से चलकर सड़क से होते हुए संसद तक पहुंचती हैं, जो साहित्यिक समाज को एक दिशा देती है। धूमिल के ज्येष्ठ पुत्र रत्नशंकर पांडेय ने कहा कि धूमिल की कविताएं सम सामयिक व्यवस्था पर गहरा प्रहार करती है। जयंती में आये साहित्यकारों, कवियों, रचनाकारों के प्रति धूमिल के पुत्र रत्नशंकर पांडेय व आनन्द शंकर पांडेय ने आभार जताया। जयंती में डॉ. प्रभाकर सिंह, डॉ. सदानंद सिंह, ओमप्रकाश सिंह "बबलू", मनीष पटेल आदि ने भी विचार रखे। उधर, जनकवि के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर भी श्रद्धासुमन अर्पित किया। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय-hindusthansamachar.in

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